बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष डा चरण दास महंत ने फिर कहा कि चमचों से सावधान रहने की जरुरत है। ये सांप और बिच्छू से कम नहीं हाेते। चमचों से बचकर रहने की हिदायत दी। ये हिदायत किसके लिए थी यह तो नहीं बताए। डा महंत ने यह बात राजधानी रायपुर के राजीव भवन में प्रदेशभर के जिला अध्यक्षों की मीटिंग में कही थी। बात तब आई जब पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रविंद्र चौबे ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को दोबारा पीसीसी की कमान सौंपने की वकालत की थी। हालांकि यह एपीसोड पर कांग्रेस में लगभग बंद हो गया है।
9 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बैनर तले प्रदेश स्तरीय बड़ा सियासी शो होने वाला है। वोट चोर गद्दी छोड़ो आंदोलन में एआईसीसी के महासचिव व प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट शिरकत करेंगे। प्रदेश स्तरीय होने वाले प्रदर्शन की तैयारी को लेकर नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत, एआईसीसी के सचिव व प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी विजय जांगिड़,एआईसीसी सचिव व विधायक देवेंद्र यादव व सुबोध हरितवाल ने कांग्रेस भवन में शहर व जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों व दिग्गज कांग्रेस नेताओं की मीटिंग ली। मीटिंग में भीड़ जुटाने सहित अलग-अलग कामों की जिम्मेदारी सौंपी गई। मीटिंग के बाद नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत मीडिया से रु-ब-रू हुए। राजीव भवन में उनके द्वारा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों को दी गई समझाइश को लेकर फिर सवाल आया। जिला अध्यक्षों काके समझाइश थी या फिर उनका इशारा किसी और की तरफ था। बिना किसी भूमिका बांधे डा महंत ने अपने अंदाज में कहा कि चमचे सांप और बिच्छू की तरह ही होते हैं। इनसे बचना चाहिए। फिर बोले चमचे और कार्यकर्ता में बहुत बड़ा अंतर होता है, वैसे ही जैसे जमीन और आसमान के बीच। फिर बोले, वे अपने आसपास और करीब रहने वाले चमचों को अच्छी तरह पहचानते हैं। डा महंत की यह साफगोई उन लोगों की ओर साफ इशारा है जो अपने फायदे के लिए उनसे जुड़े हैं। डा महंत ने ऐसा कर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की या फिर बिलासपुर में निशाना साधकर चले गए। उनके इस बयान को लेकर अब अटकलें भी लगाई जा रही है। आखिर वे अपने इर्द-गिर्द रहने वाले चमचों से किस कदर परेशान हैं।
कार्यकर्ताओं के प्रति झलका सम्मान का भाव
डा महंत जब कार्यकर्ता और चमचों में फर्क बता रहे थे तब कार्यकर्ताओं के प्रति उनके मन से सम्मान का भाव भी झलका। वे बोले कार्यकर्ता जमीन से जुड़े होते हैं। पार्टी हित में सदा काम करते हैं। उनके लिए पार्टी और जनता सर्वोपरी होता है। नि:स्वार्थ भाव से कार्यकर्ता काम करते हैं। चमचों की खासियत बताते हुए कहा, ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए काम करते हैं। अपना स्वार्थ तो पूरा करते ही हैं, जिस नेता के चमचे होते हैं उसे भी डूबा देते हैं। चमचों से पार्टी को नुकसान होता है और उनसे दूरी बनाना जरूरी है।
इशारों ही इशारों में कह दिया सब-कुछ
डा महंत ने इशारों ही इशारों में अपनी बात कह दी। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा छिड़ी हुई है कि आखिर उन्होंने इतनी बड़ी बात किसके लिए कह दी। कांग्रेस के किस दिग्गज नेता को चमचों से दूरी बनाने की समझाइश देते हुए सावधान भी कर दिया। कांग्रेस की राजनीति को करीब से जानने और समझने वाले यह बात अच्छी तरह समझ रहे हैं कि उनका इशारा किस ओर है। हालांकि लोग खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं।
पीएम मोदी की मां पर अपशब्द किसने कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर अपशब्द के आरोप के सवाल पर डा महंत ने पूछा, किसने गाली दी? भाजपा को यह साफ-साफ बताना चाहिए। डा महंत ने फिर सवाल किया, क्या कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता ने ऐसा किया ? EVM पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वोट चोरी का मसला आज भी बना हुआ है। EVM से वोट बदले जा सकते हैं और इससे जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं।








