Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ के प्राइवेट कालेजों में जल्द डीएलएड का फीस तय होगा।हाई कोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेजेस आफ छत्तीसगढ़ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को निर्देश जारी किया है। निजी महाविद्यालयों में संचालित डिप्लोमा एजुकेशन में डी एलएड की फीस 2019 से तय नहीं की गई। याचिकाकर्ता संगठन ने स्कूल शिक्षा विभाग से फीस तय करने पत्र लिखा था।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के 66 प्राइवेट कालेजों में जल्द डीएलएड का फीस तय होगा।हाई कोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेजेस आफ छत्तीसगढ़ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को निर्देश जारी किया है। निजी महाविद्यालयों में संचालित डिप्लोमा एजुकेशन DL ED की फीस 2019 से तय नहीं की गई थी। 13 अगस्त 2025 को याचिकाकर्ता संगठन ने स्कूल शिक्षा विभाग से फीस तय करने पत्र लिखा था। निजी महाविद्यालयों में संचालित डिप्लोमा एजुकेशन DL ED की फीस 2019 से तय नहीं की गई थी। 13 अगस्त 2025 को याचिकाकर्ता संगठन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग से फीस तय करने के लिए पत्र लिखा था।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के प्रारंभ होने से पहले, एएफआरसी द्वारा शुल्क निर्धारण के लिए 12 फरवरी 2024 की अधिसूचना के आलोक में डी.एल.एड. पाठ्यक्रम के लिए शुल्क निर्धारित, तय करने के लिए राज्य शासन के विभागीय अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने की मांग याचिका में की गई है।
याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों को बी.एड. पाठ्यक्रम के लिए एएफआरसी द्वारा निर्धारित समान शुल्क लेने की अनुमति देने की मांग की है। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता क्षितिज शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन द्वारा फीस निर्धारित करने लगातार मांग की जा रही है। इसके बाद भी अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है याचिकाकर्ता एसोसिएशन के विभिन्न सदस्यों के लिए डी.एल.एड. पाठ्यक्रम की फीस निर्धारित करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विभागीय अफसरों ने विफलता दिखाई है। अफसरों ने संघ के अनुरोध को स्वीकार ना कर भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों को अपने संघ, संस्थान स्थापित करने और उनका प्रबंधन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है।
हाई कोर्ट ने ये कहा
मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि शुल्क निर्धारण के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा 13 अगस्त 2025 को प्रस्तुत अभ्यावेदन पर नियमों, विनियमों और कानून के अनुसार यथाशीघ्र विचार कर निर्णय लें। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एसोसिएशन को संबंधित प्राधिकारी के समक्ष अतिरिक्त अभ्यावेदन दाखिल करने की स्वतंत्रता है और संबंधित प्राधिकारी नियमों, विनियमों और कानून के अनुसार उचित समय के भीतर उस पर विचार और निर्णय करेगा। इस निर्देश के साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है।
संघ ने ऐसे लिखी थी चिट्टी
एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेजेस आफ छत्तीसगढ़ ने सिकरेट्री स्कूल एजुकेशन को पत्र लिखकर मांग की थी कि छत्तीसगढ़ राज्य में डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डी.एल.एड.) पाठ्यक्रम के 66 निजी महाविद्यालय संचालित है। डी.एल.एड. पाठ्यक्रम की औसत फीस प्रति विद्यार्थी, प्रतिवर्ष 19000/- रूपये के आसपास है। यह फीस अत्यधिक कम है। पिछले 5 वर्षों से डी.एल.एड. पाठ्यक्रम फीस का पुनःनिर्धारण भी नहीं हुआ है। इतनी कम फीस में शिक्षकों का वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है।
एससीईआरटी. ने अपने पत्र 31.जुलाई 2024 में शासन स्तर पर गठित उच्च स्तरीय समिति के लिए अपने दो सदस्यों का नाम स्कूल शिक्षा विभाग को भेज दिया था लेकिन शुल्क निर्धारण पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शुल्क निर्धारण में महत्वपूर्ण यह है कि N.C.T.E. (राष्ट्रिय अध्यापक शिक्षा परिषद) के नियमनुसार डी.एल.एड. पाठ्यक्रम में प्रति यूनिट अधोसंरचना एवं अकादमीक सदस्यों (शिक्षकों) का मानक बी एड जैसा ही है। प्रदेश में संचालित डी.एल.एड. पाठ्यक्रम के निजी शिक्षा महाविद्यालय में प्रवेश शुल्क 35000/- रुपए निर्धारित किया जाए।








