रायपुर। आउट सोर्सिंग के जरिए छत्तीसगढ़ के पीएमश्री स्कूलों में 1500 व्यवसायिक शिक्षकों की भर्ती की गई है। इसमें अब बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की मिल रही शिकायत के बाद राज्य सरकार ने राज्य की दो बड़ी जांच एजेंसियों को जांच का जिम्मा सौंप दिया है। EOW, ACB गड़बड़ियों की जांच करेगी। जल्द ही सरकार इस संबंध में आदेश जारी करने वाली है।
प्रारंभिक जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई है। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी भी हो रही है। प्रदेश के पीएम श्री स्कूलों के लिए राज्य सरकार ने तकरीबन 1500 व्यावसायिक शिक्षकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराई गई थी। इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी छह कंपनियों को दी गई थी, जिनमें भोपाल की आइसेक्ट और लरनेट का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
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सात दिन में सब-कुछ, विज्ञापन से लेकर चयन सूची कर दी जारी
आरोप है कि भर्ती करने वाली कंपनियों ने महज एक हफ्ते में विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली। इतना ही नहीं, उन्होंने मनमाने ढंग से शैक्षणिक योग्यता के मानक बदल डाले और अपात्र उम्मीदवारों को भी सूची में शामिल कर लिया। व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति परंपरागत रूप से 11 महीने की अवधि के लिए होती है। ये शिक्षक स्कूलों में कंप्यूटर, कृषि और अन्य तकनीकी विषयों की ट्रेनिंग देते हैं। इस योजना का वित्त पोषण पूरी तरह केंद्र सरकार करती है।
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कंपनी के साथ अफसरों ने कर दिया खेला
चर्चा तो इस बात की भी हो रही है, इस पूरी गड़बड़ी में विभाग के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है। माना जा रहा है कि डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कंपनी के साथ अफसरों ने भी जमकर खेला कर दिया है।








