पटना। पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां वाली AI जनरेटेड वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश बिहार कांग्रेस को दिय है। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि निजता और सम्मान का अधिकार व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चल रहे वीडियो को तत्काल हटाने का निर्देश दिया है।
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मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मेटा प्लेटफॉर्म्स, गूगल इंडिया यूट्यूब और एक्स ट्विटर इंडिया जो इस याचिका में प्रमुख पक्षकार बनाए गए हैं, डिवीजन बेंच ने निर्देशित किया है कि कोर्ट द्वारा पारित किए जाने वाले अगले आदेश तक वीडियो क्लिपिंग को प्रसारित ना करे। याचिकाकर्ता विवेकानंद सिंह द्वारा दायर याचिका पर डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे वीडियो को हटाने की मांग की है।
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मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार, बिहार राज्य सरकार, प्रदेश कांग्रेस कमेटी बिहार, भारत निर्वाचन आयोग और राहुल गांधी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे वीडियाे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नींद में सपना आते दिखाया है। सपने में उनकी मां उनकी नीतियों के लिए नाराजगी जताते दिखाई दे रही हैं। याचिकाकर्ता ने एआई जनरेटेड वायरल हो रहे वीडियो को घृणित, अरुचिकर और अपमानजनक बताते हुए कहा, यह प्रधानमंत्री की दिवंगत मां की गरिमा का हनन है।








