जांजगीर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंगलवार को भूचाल तब आ गया जब पामगढ़ विधानसभा की कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश का रेत माफिया से कथित डील का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल ऑडियो में विधायक पांच लाख रुपये खुद के नाम पर, दो–दो लाख रुपये कलेक्टर और एसडीएम के हिस्से में तथा एक लाख रुपये राघवेंद्र नामक व्यक्ति को देने की बात करती सुनाई दे रही हैं।
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वायरल ऑडियो से खलबली
बताया जा रहा है कि यह ऑडियो दिसंबर 2024 का है, जिसे अब सामने लाया गया है। ऑडियो में स्पष्ट तौर पर रेत घाटों से अवैध उत्खनन कराने के लिए “मासिक वसूली” की डीलिंग की जा रही है। बातचीत में रकम का बंटवारा भी तय किया गया है—कलेक्टर और एसडीएम के नाम से दो–दो लाख, राघवेंद्र के लिए एक लाख और शेष पांच लाख विधायक के लिए।
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बातचीत के मुख्य अंश
- ऑडियो की शुरुआत रोशन नामक व्यक्ति से बातचीत से होती है। उसमें रकम की किस्तों पर चर्चा होती है।
- विधायक तीन लाख रुपये तत्काल और दो लाख रुपये एसडीएम को अलग से देने की बात करती हैं।
- आगे की बातचीत में राघवेंद्र को एक लाख रुपये “हिस्से” के तौर पर देने का जिक्र आता है।
- किसी अन्य अंश में कलेक्टर और एसडीएम के लिए हर माह दो-दो लाख रुपये तय करने की पुष्टि की जाती है।
विधायक ने लगाए “एडिटेड ऑडियो” के आरोप
वायरल ऑडियो पर सफाई देते हुए विधायक शेषराज हरबंश ने कहा—
“यह ऑडियो नौ माह पुराना है। मैंने अधिकारियों से फाइन पटाने की बात कही थी, जिसकी रसीद भी मेरे पास मौजूद है। लेकिन अब इसे एडिट कर सोशल मीडिया में डाला गया है। भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से बौखलाए लोग मुझ पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।”
भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई का दावा
विधायक ने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कुछ लोग सरकारी जमीन का बंदरबांट कर रहे थे और अवैध उत्खनन में भी शामिल थे। उनके अनुसार, जब उन्होंने इस पर मोर्चा खोला और रजिस्ट्री व बिक्री पर रोक लगवाई, तभी इस पुरानी बातचीत को एडिट कर वायरल किया गया है ताकि उन्हें डराया जा सके और वे कार्रवाई से पीछे हट जाएं।








