बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मस्तूरी रोड पर युवकों द्वारा कार रैली निकालकर खतरनाक स्टंट करने और उसके बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई और तल्ख टिप्पणी की कि “पुलिस का प्रकोप केवल गरीब, मध्यम वर्ग और दलितों पर ही पड़ता है। लेकिन जब अपराधी कोई धनी व्यक्ति होता है, चाहे वह बाहुबल, धन या राजनीतिक समर्थन के मामले में हो, तो पुलिस अधिकारी दंतहीन बाघ बन जाते हैं।”
Also Read – Bilaspur News: चलती कार में स्टंट, पुलिस ने 18 गाड़ियां की जब्त WATCH VIRAL VIDEO
कोर्ट का बड़ा आदेश
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में पुलिस द्वारा जब्त की गई सभी 18 गाड़ियां बिना अदालत की अनुमति के नहीं छोड़ी जाएंगी। साथ ही अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाओं में पुलिस को केवल जुर्माना लगाकर या सतही कार्रवाई करके मामले को निपटाने की आदत छोड़नी होगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस की कार्रवाई इस तरह होनी चाहिए कि यह आरोपी युवकों के जीवन में एक सबक बन जाए और भविष्य में कोई भी व्यक्ति सड़क पर इस तरह की खतरनाक स्टंटबाजी करने की हिम्मत न जुटा सके।
पुलिस पर तल्ख टिप्पणी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा,
“यह समझ से परे है कि पुलिस अधिकारी भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों या अन्य कठोर कानूनों के तहत ऐसे अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने से क्यों बचते हैं। आखिर कौन सी ताकतें उन्हें ऐसा करने से रोकती हैं? क्यों धनी और प्रभावशाली अपराधियों पर केवल मामूली जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है और उनकी गाड़ियां वापस कर दी जाती हैं?”
कोर्ट ने साफ कहा कि इस तरह की लापरवाह और गैर-जिम्मेदार हरकतें अन्य यात्रियों की जान के लिए गंभीर खतरा हैं।
Also Read – Bilaspur High Court: चेन पुलिंग अपराध नहीं, रेलकर्मी को मिली बड़ी राहत
पुलिस की सफाई
महाधिवक्ता प्रफुल्ल भरत ने अदालत को बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है और स्टंट करने में इस्तेमाल की गई गाड़ियों को जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा आरोपियों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश भी की गई है।
हालांकि कोर्ट इस सफाई से संतुष्ट नहीं हुआ और कहा कि यह कार्रवाई सतही प्रतीत होती है। अदालत ने इसे केवल “दिखावटी कार्रवाई” करार दिया।
सरकार से जवाब-तलब
डिवीजन बेंच ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि मुख्य सचिव हलफनामा दायर करें और अदालत को सूचित करें कि अब तक अपराधियों के खिलाफ कौन-कौन सी ठोस कार्रवाई की गई है। अदालत ने कहा कि यह जवाब जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पुलिस और प्रशासन प्रभावशाली लोगों के दबाव में नरमी न बरतें।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर 2025 को तय की है। साथ ही आदेश दिया गया कि इस आदेश की प्रति राज्य सरकार के मुख्य सचिव को तत्काल भेजी जाए ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
Also Read – Special Court: नशे के सौदागर को 10 साल की सजा, एक लाख का जुर्माना भी
क्या है पूरा मामला?
मामला मस्तूरी रोड का है। ग्राम लावर स्थित एक फार्महाउस में जन्मदिन पार्टी में शामिल होने जा रहे कुछ युवकों ने कारों का काफिला निकालकर सड़क पर जमकर स्टंटबाजी की। युवकों ने तेज रफ्तार से कार चलाते हुए सनरूफ और खिड़कियों से बाहर निकलकर खतरनाक करतब किए। उनकी हरकतों से न केवल राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-49 पर यातायात बाधित हुआ, बल्कि अन्य राहगीरों की जान भी खतरे में पड़ गई।
स्थानीय लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर पुलिस को भेज दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 18 कारों को जब्त किया और उनके मालिकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की। साथ ही संबंधित युवकों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई।
कार स्टंट का VIDEO देखिए
कोर्ट की सख्ती से बढ़ी उम्मीदें
हाईकोर्ट के इस सख्त रुख से उम्मीद की जा रही है कि अब सड़क पर इस तरह की स्टंटबाजी और गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन और अधिक सख्ती से पेश आएंगे। अदालत का यह भी कहना है कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह केवल कमजोर वर्गों पर ही कठोर न बने, बल्कि अमीर और प्रभावशाली अपराधियों पर भी उतनी ही सख्ती से कार्रवाई करे।








