रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाले में आ रहे नए अपडेट ने ब्यूरोक्रेट्स के साथ ही सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। ED की एक चिट्ठी ने ब्यूरोक्रेट्स में कुछ ज्यादा ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ED ने 2 IAS-IPS को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखा है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही जांच पड़ताल के साथ पूछताछ शुरू होगी।
छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ED की पड़ताल में नया खुलासा हुआ है। ED ने राज्य के चीफ सिकरेट्री और ACB-EOW को पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि जांच के दौरान कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में 80 करोड़ रुपए से ज्यादा
के लेन-देन की बात सामने आई है।
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सूर्यकांत की डायरी में कई बड़े और प्रभावशाली अफसरों के नाम सामने आए हैं, जिनमें 2 IPS, 2 IAS और एक एडिशनल SP शामिल हैं। एक IPS ने सूर्यकांत को 11.5 करोड़ दिए। अफसरों से वसूली करने वाले सूर्यकांत तिवारी से एक ASP ने 5.67 करोड़ वसूल लिया। ED के अफसर भी इस पुलिस अधिकारी की दबंगाई को लेजर अचरज में पड़ गए हैं। ED ने पत्र में बताया कि सूर्यकांत की डायरी में दर्ज लेन-देन की तारीख, कैश और पक्षों के नाम सहित पूरी जानकारी दी गई है। इसमें 5 प्रमुख लोगों से जुड़े लेन-देन का ब्योरा सामने आया है, जो पिछली सरकार के समय पावरफुल अधिकारी माने जाते थे।
लेनदेन का पूरा ब्यौरा
डायरी जे अनुसार एक IPS अधिकारी ने सूर्यकांत तिवारी को 11.5 करोड़ रुपए दिए। यह अधिकारी भूपेश सरकार के समय प्रशासन में प्रभावशाली माने जाते थे। छत्तीसगढ़ कैडर के एक और IPS अधिकारी ने सूर्यकांत को 2.65 करोड़ रुपए दिए।। एक IAS अधिकारी ने 75 लाख रुपए सूर्यकांत को दिए। इसके अलावा एक चर्चित IAS अधिकारी, जिन्हें जेल भी जाना पड़ा और बेल पर बाहर है, उन्होंने डायरी में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार 60 करोड़ रुपए सूर्यकांत तिवारी तक पहुंचाए।
घोटाले के किंगपिन से वसूली
सूर्यकांत तिवारी को IPS-IAS ने पैसे पहुंचाए हैं। ED के पत्र में एक ऐसे एडिशनल एसपी का नाम है, जिसने कोयला घोटाले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी से पैसे लिए हैं। भूपेश बघेल सरकार के दौरान किंगपिन से बेधड़क वसूली करने वाले पुलिस अफसर का कुछ अलग ही रुतबा हुआ करता था।
जानिए छत्तीसगढ़ का कोयला लेवी स्कैम
ED का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला में 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। ईडी का आरोप है कि कोयले के परिचालन, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने समेत कई तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की गई है। छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था।
2 पूर्व मंत्रियों, MLA सहित 36 पर FIR
कोल स्कैम में ED की रिपोर्ट पर ACB, EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। जिस पर अब ACB, EOW की टीम जांच कर रही है। इस मामले में IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया था।
प्रति टन 25 रुपए की वसूली
ED की जांच के अनुसार सूर्यकांत तिवारी ने कोयला परिवहन और परमिट प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के जरिए करोड़ों की अवैध वसूली का मास्टरमाइंड माना गया है। आरोप है कि प्रति टन 25 रुपए की दर से वसूली की रकम उसके कर्मचारियों के जरिए जमा कराई जाती थी, और इसके बदले संबंधित व्यापारियों को खनिज विभाग से परमिट जारी किए जाते थे। यह पूरा कजल छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से शुरू हुआ।








