रायपुर। CBI ने आज CGPSC 2021 घोटाले के सम्बंध ने स्पेशल कोर्ट में पूरक चलन पेश किया है। सीबीआई ने पूर्व चेयरमैन ताँन सिंह सोनवानी को घोटाले का मास्टर माइंड बताया है। CBI ने इस मामले में प्रथम पूरक चालान विशेष अदालत में पेश कर दिया है। लगभग दो हजार पन्नों के इस चालान में पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है। अदालत में पेश प्रथम पूरक चालान में सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि सोनवानी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए परीक्षा प्रक्रिया में धांधली के अलावा अपने परिवार के सदस्यों और प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया।
CGPSC घोटाले में अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। CGPSC के पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, सोनवानी के बेटे-बहू समेत अन्य पारिवारिक सदस्य, बजरंग पॉवर के पूर्व डायरेक्टर एसके गोयल के पुत्र शशांक गोयल, बहू भूमिका गोयल, ललित गणवीर, दीपा आडिल और निशा कोसले जैसे नाम शामिल हैं। CBI ने चालान में इन सभी की गंभीर संलिप्तता का खुलासा किया है। प्रश्नपत्रों की हेराफेरी से लेकर फर्जी मेरिट सूची तैयार करने तक कई स्तरों पर भ्रष्टाचार को अंजाम देने की बात कही है।CBI के पूरक चालान दाखिल होने के बाद अब मामले की सुनवाई प्रक्रिया तेज होने की संभावना है।
क्या है CGPSC Scame 2021
सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया था। बता दें कि CGPSC 2021 में चयनित 18 अभ्यर्थियों के घरों में इस घोटाले को लेकर छापेमारी भी की गई थी। सभी के घरों में दो-दो दिनों तक तलाशी ली गई थी। तब अभ्यर्थियों के यहां 300 से ज्यादा किताबों-नोटबुक को पढ़ा गया। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। जाँच के दौरान एक चयनित अभ्यर्थी के यहां डायरी में लेनदेन का हिसाब भी मिला था। अभ्यर्थियों, उनके परिजन के बैंक खातों की जांच के अलावा सीबीआई ने उनके साथ पीएससी के अफसरों से बातचीत की 5 साल की कॉल डिटेल और लोकेशन भी खंगाल डाली। इसी के आधार पर सीबीआई ने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के वक्त सोनवानी सरगुजा में अपने गांव से मैनपाट जा रहा था, जहां उसका आलीशान फॉर्म हाउस है। कहा जाता है कि, इसे सोनवानी ने अपनी काली कमाई से ही बनवाया था।
रिश्तेदारों को रेवड़ी की तरह बांट दी पोस्ट
जांच में पता चला कि सोनवानी ने भतीजे नीतेश सोनवानी, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी समेत 5 रिश्तेदारों का चयन कराया था। इसके अलावा पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, भूपेश सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो की बेटी नेहा खलखो, बेटा निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी ध्रुव, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, एक उद्योगपति का बेटे और बहू, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा, कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम, मीनाक्षी गनवीर समेत अन्य शामिल हैं। पीएससी घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई ने चयनित अभ्यर्थियों के यहां से प्रश्न-पत्र से जुड़े दस्तावेज मिले। उनके परिजनों के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन की भी जानकारी ली। इनके आधार पर सोनवानी को समन जारी किया। कई बार बुलाया गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए तब गिरफ्तारी तय की गई।
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इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस जब्त
सीबीआई ने अभ्यर्थियों के घर से हार्ड डिक्स और पैन ड्राइव जब्त की थी। अभ्यर्थियों, उनके परिजन के बैंक खातों की जांच के अलावा सीबीआई ने उनसे पीएससी के अफसरों के बीच बातचीत की 5 साल की कॉल डिटेल निकाली और लोकेशन भी खंगाला। यह भी देखा कि परीक्षा के दौरान कितनी बार वे संपर्क में थे और कितने बार मिले। सीबीआई टीम प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस भी ले गई। वहां के मालिक और कर्मियों का बयान दर्ज किया गया है।
श्रवण गोयल व बेटे-बहू की पहले ही ख़ारिज हो चुकी है जमानत याचिका
घोटाले में आरोपी बनाये गए बजरंग इस्पात के डायरेक्टर श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और उनकी बहू भूमिका की पहले ही जमानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है। दोनों अभी इस वक्त जेल में है। सीबीआई ने इस घोटाले में मुख्यतः 7 लोगों को आरोपी बनाया है -श्रवण गोयल,शशांक गोयल,भूमिका कटियार,नितेश सोनवानी,साहिल सोनवानी, ललित गणवीर शामिल है।
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