IMG_5401
सुप्रीम कोर्ट की हाई कोर्ट को दोटूक: अग्रिम जमानत याचिका की सीधे ना करे सुनवाई
Share on

दिल्ली। एक मामले की सुनवाई करते हुए देशभर के हाई कोर्ट से कहा है, अग्रिम जमानत याचिकाओं कक सुनवाई के सीधे स्वीकार ना करे। निचली अदालत कद फसलों का इंतजार करे। सुप्रीम कोर्ट ने देधभर के हाई कोर्ट को दूसरी मर्तबे निर्देशित करते हुए कहा,अग्रिम जमानत की मांग करते हुए सीधे हाई कोर्ट में दायर की जाने वाली याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि याचिका दायर करने बाल्कन को सेशन कोर्ट में जमानत आवेदन लगाने का निर्देश दिया जाना चाहिए। इसके बाद ही हाई कोर्ट की समवर्ती न्यायक्षेत्र का उपयोग करना चाहिए।

Also Read – सशर्त पदोन्नति: राज्य सरकार का फैसला सही

यह मामला पटना में एक स्वास्थ्यकर्मी की हत्या से जुड़ा था, जिसे सूदखोरों के इशारे पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि मृतक से लाखों रुपये जबरन वसूलने के बाद, जब वह और पैसे नहीं दे सका तो आरोपियों ने कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को सुपारी दे दी । आरोपियों ने गिरफ्तारी की आशंका बताते हुए सीधे पटना हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। हाई कोर्ट के फैसले को चुनोती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के बाद बेंच ने पटना है कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है, गंभीर आरोपों वाले इस मामले में, बिना ठोस कारण बताए, अग्रिम जमानत दे दी गई। सुनवाई कद सओरां यह तथ्य भी सामने आया कि हाई कोर्ट ने राहत देने से पहले शिकायतकर्ता को पक्षकार के रूप में शामिल तक नहीं किया।

यह चिंता का विषय


डिवीजन बेंच ने कहा, हाई कोर्ट ने इस मामले में जिस जल्दबाजी के साथ कार्यवाही की, वह चिंता का विषय है। कोर्ट ने कहा, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023) के तहत हाई कोर्ट और सेशन कोर्ट को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी सुनने की समवर्ती न्यायक्षेत्र दी गई है।

Also Read – VIDEO VIRAL: डाक्टर को जान से मारने धमकी

इसलिए सेशन कोर्ट में सुनवाई जरूरी


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पक्षकारों को पहले सेशन कोर्ट भेजना जमानत याचिकाओं की दो स्तरों वाली जांच सुनिश्चित करता है। इससे हाई कोर्ट को सेशन कोर्ट की विचारधारा का लाभ मिलता है और शिकायतकर्ता को हाई कोर्ट में याचिका का विरोध करने का अवसर भी मिलता है। इस से सभी पक्षों के हित संतुलित रहते हैं। पीड़ित पक्ष को हाई कोर्ट में चुनौती देने का मौका मिलने के साथ ही हाई कोर्ट को सेशन कोर्ट द्वारा लागू की गई न्यायिक दृष्टि का मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है।

यह बनी बड़ी वजह

  • सेशन कोर्ट को दरकिनार कर केरल हाई कोर्ट सीधे जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
  • 2023 में, सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की बेंच ने गुवाहाटी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन बनाम असम राज्य एवं अन्य मामलों में यह विचार करने का निर्णय लिया था कि “क्या हाई कोर्ट के पास यह विवेकाधिकार है कि वह धारा 438 के तहत आने वाली याचिका को इसलिए नहीं सुने कि आवेदनकर्ता को पहले सेशन कोर्ट में आवेदन करना चाहिए।
  • केरल के बाद पटना हाई कोर्ट में भी आया इसी करह का मामला।

Also Read – CG NGO Scam: एक्शन में CBI


Share on

Related Posts

फ़िल्म स्टार सलमान खान के एक बयान ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। बौखलाए पाक सरकार ने सलमान खान को आतंकवादी घोषित कर दिया है।

Share on

Share onबॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार वजह बनी है उनका हालिया बयान, जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान का ज़िक्र किया था। इस टिप्पणी


Share on
Read More

बड़ी खबर

About Civil India

© 2025 Civil India. All Rights Reserved. Unauthorized copying or reproduction is strictly prohibited

error: Content is protected by civil India news, Civil India has all rights to take legal actions !!