रायपुर। सरकारी स्कूलो में बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नवाचार किया है। हाजिरी रजिस्टर में अटेंडेंस के अलावा टीचर्स अब ऑनलाइन भी अपलोड करेंगे। राजधानी से लेकर दिल्ली में बैठे अफसरों को एक एक स्कूल का अपडेट मिलते रहेगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एप लांच कर दिया है ।
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प्रदेशभर के डीईओ को आदेश का परिपालन करने निर्देश भी जारी कर दिया है। राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों की हाजिरी ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन भी दर्ज की जाएगी। रजिस्टर में हाजिरी दर्ज करने के बाद शिक्षकों को शिक्षण एप में सभी बच्चों की उपस्थिति अपलोड करनी होगी। राज्य शासन ने एप लांच कर प्रदेशभर के डीईओ जानकारी भेज दी है। अभी तक शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति ही दर्ज करने के निर्देश थे।
अब छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस का निर्देश जारी कर दिया गया है। शिक्षक पहले से आधा दर्जन एप में ऑनलाइन एंट्री कर रहे हैं। अब उन्हें ये नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सिस्टम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से लागू किया जा रहा है। उसी के बाद समग्र शिक्षा से इस बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला प्रशासन के अफसरों को निर्देश जारी किया गया है।
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सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर सही जानकारी डीईओ और बीईओ कार्यालय को भी नहीं मिल पाती। यही कारण है कि नया सुस्तम बनाया गया है। इसमें बच्चों की स्कूल में उपस्थिति की सही जानकारी मिलते रहेगी। छात्रों की उपस्थिति कम होने की स्थिति में शिक्षकों को भी सवालों का जवाब होगा कि आखिर बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं। ऐसे में गैर हाजिर बच्चे के परिजनों से संपर्क कर जानकारी लेंगे व बच्चों को स्कूल भेजने पालकों को प्रेरित करेंगे।
टीचर्स के लिए ये भी टॉस्क
हरिहर पाठशाला योजना के तहत बच्चों में पर्यावरण के प्रति रुचि जगाने और पौधारोपण के लिए प्रेरित करेंगे। रोप गए पौधों को सुरक्षित रखने की बच्चे जिम्मेदारी भी लेंगे।
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अकादमिक स्तर को सुधारने की गरज से हर महीने पहली से 11 वीं कक्षा के स्टूडेंट्स का टेस्ट होगा। रिजल्ट को विनोबा एओ में अपलोड करना होगा। बोर्ड परीक्षा 10 वी व 12 वीं के स्टूडेंट्स के यूनिट टेस्ट का रिजल्ट गूगल शीट में अपलोड किया जाता है। बोर्ड परीक्षा के छात्रों के रिजल्ट की समीक्षा कलेक्टर करते हैं। छुट्टी के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन करना पड़ता है आवेदन। प्रधान पाठक या प्राचार्य ऑनलाइन आवेदनों की स्वीकृति देते हैं। स्कूलों में दिए गए जादुई पिटारा में कोर्स मटेरियल होता है। उसकी जानकारी हर माह अपलोड की जाती है। इसके अलावा बच्चों को बांटी जाने वाली एक-एक पुस्तक को टीबीसी बुकःएप में स्कैन कर अपलोड करना पड़ता है।








