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Bilaspur High Court News: OHE की चपेट में आकर कांट्रैक्ट वर्कर की मौत, हाई कोर्ट ने SECR के GM को किया तलब
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Bilaspur High Court News: वंदे भारत ट्रेन के मेंटनेंस के दौरान OHE की चपेट आकर बुरी तरह झुलसे ठेका कर्मचारी की अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। रेलवे ने करंट से बुरी तरह झुलसे श्रमिक की इलाज कराने से साफ मना कर दिया था। श्रमिक की मौत के बाद हाई कोर्ट ने SECR के GM को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है।

बिलासपुर। रेलवे में ट्रेन की मरम्मत के दौरान ओएचई तार के करंट से झुलस कर ठेका श्रमिक कांट्रैक्ट वर्कर की मौत को गंभीर हादसा मानते हुए और रेलवे द्वारा इलाज से पल्ला झाड़ने से नाराज हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

कोचिंग डिपो में काम करते वक्त ओएचई तार के करंट से बुरी तरह झुलसे युवक को सबसे पहले रेलवे अस्पताल लाया गया था। रेलवे अस्पताल के चिकित्सकों ने हालत को गंभीर देखते हुए सिम्स रिफर कर दिया था। परिजनों ने युवक को बेहतर इलाज के लिए अपोलो में भर्ती कराया था। युवक जब जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था तब परिजनों व ग्रामीणों ने डीआरएम कार्यालय के सामने इलाज कराने के नाम पर धरना प्रदर्शन किया था। कांट्रैक्ट वर्कर होने का हवाला देते हुए रेलवे अफसरों ने किसी तरह की मदद देने से इंकार कर दिया था। इसी बीच युवक की मौत हो गई।

मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने रेल अफसरों से दोटूक कहा कि वित्तीय बोझ इलाज में बाधा नहीं बनना चाहिए। बेंच ने साफ कहा कि रेलवे प्रमुख नियोक्ता है, उसकी बड़ी जिम्मेदारी बनती है। रेलवे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।
मृत युवक मुलमुला अकलतरा गांव का निवासी है और रेलवे कोचिंग डिपो के इलेक्ट्रिकल विभाग में काम करता था। रेलवे अफसरों ने कोर्ट में कहा कि मृत युवक कांट्रैक्ट वर्कर था। वह रेलवे का कर्मचारी नहीं है। इसके अलावा बिना अनुमति कोच पर चढ़कर काम कर रहा था,करंट लगने से वह बुरी तरह झुलस गया है।

0 SECR के GM को शपथ पत्र के साथ पेश करना है जवाब
रेल अफसरों के जवाब से नाराज डिवीजन बेंच ने SECR के GM को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट की सख्ती ऐसी कि जीएम को तीन दिन की मोहलत देते हुए तय समयावधि में जवाब करने कहा है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि इलाज में क्या सहायता दी गई है। डिवीजन बेंच ने जीएम से यह भी पूछा कि इस गंभीर लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है। जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, इस संबंध में भी बेंच ने जानकारी मांगी है।

0 DRM आफिस के सामने धरने पर बैठे परिजन
मृत श्रमिक की पत्नी को रेलवे में नौकरी देने और मुआवजा की मांग को लेकर मृत कर्मचारी के परिजनों के अलावा ग्रामीण व भीम आर्मी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता डीआरएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। धरना स्थल में ही भोजन भी बना रहे हैं। परिजनों,ग्रामीणों व भीम आर्मी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के धरने पर बैठने को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। रेलवे जीएम व डीआरएम कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कार्यालयों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।


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