बिलासपुर. पुलिस कर्मियों की याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिविज़न बेंच में सुनवाई हुई. बेंच ने अपने फ़ैसले में कहा, समानता के अधिकार का उल्लंघन कर दुर्भावनापूर्ण तरीके से विभागीय जांच नहीं कर सकते. बेंच ने पुलिस विभाग की और से दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया है. बेंच ने याचिकाकर्ता नरेन्द्र यादव के विरूद्ध किसी भी प्रकार की विभागीय जांच कार्यवाही ना करने का आदेश पारित किया है।
महासमुंद जिले में अलेकसियूस मिंज प्रधान आरक्षक, दीपक विदानी आरक्षक एवं याचिकाकर्ता नरेन्द्र यादव, आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। गणतंत्र दिवस हेतु तैयार मंच सुरक्षा ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में तीनों पुलिस कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक, महासमुंद ने सेवा से बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी आदेश को तीनों पुलिस कर्मचारियों ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी.
मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता तीनों पुलिस कर्मचारियों का बर्खास्तगी आदेश निरस्त कर उन्हें पुनः बहाल करने का आदेश पारित किया।
पुलिस अधीक्षक, महासमुंद ने अलेकसियूस मिंज, दीपक विदानी आरक्षक)को तत्काल ज्वाईनिंग दे दी. याचिकाकर्ता नरेन्द्र यादव को पुलिस विभाग में ज्वाईनिंग नहीं दी गई. समान आरोपों में पुनः विभागीय जांच कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई. याचिकाकर्ता नरेन्द्र यादव ने हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना याचिका दायर की. इसी बीच पुलिस विभाग ने चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच के समक्ष रिट अपील दायर कर दी।
अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने की बहस
याचिकाकर्ता की और से अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं वर्षा शर्मा ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीड़ी गुरु की डिवीजन बेंच के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा, समान आरोप पर तीनों पुलिस कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था. हाई कोर्ट ने नियम 18 छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 घोर उल्लंघन पाते हुए तीनों पुलिस कर्मचारियों को सेवा में बहाल करने का आदेश पारित किया है. पुलिस विभाग के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता नरेन्द्र यादव के प्रति पूर्वाग्रह एवं दुर्भावना रखते हुए अन्य दो पुलिस कर्मचारियों के समान उसे ज्वाईनिंग नहीं दी गई.
याचिकाकर्ता के विरूद्ध नये सिरे से विभागीय जांच कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई. सेवा में बहाली आदेश को डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दे दी है । चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के विरूद्ध पुलिस विभाग की कार्यवाही को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए पुलिस विभाग की रिट अपील को खारिज कर दिया है. बेंच ने याचिकाकर्ता नरेन्द्र यादव के विरूद्ध किसी भी प्रकार की विभागीय जांच कार्यवाही ना करने का आदेश पारित किया है।








