बिलासपुर। राशन कार्ड बनाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। प्रदेश में ऐसा कोई जिला नहीं जहां, बीपीएल कार्ड बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा ना किया गया हो।बीते वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों के आंकड़ों से चौंकाने वाली बातें सामने आई है। छत्तीसगढ़ में 1 लाख 22 हजार 584 ऐसे किसान हैं जिन्होंने गरीबों के हक मारा है। ये ऐसे किसान हैं जिनके नाम पर पांच एकड़ या इससे अधिक की कृषि भूमि है। पांच एकड से अधिक कृषि भूमि होने के बाद भी पटवारी और राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर बीपीएल राशन कार्ड हासिल कर लिया है। इधर केंद्र व राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ अलग ले रहे हैं और समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पांच एकड़ से ज्यादा के रकबे का पंजीयन भी करा रहे हैं। इस फर्जीवाड़ा का खुलासा धान बेचने के आंकड़े से हुआ है।
Also Read – सड़क में काटा केक: जानू भाई दोस्तों के साथ गया जेल WATCH VIDEO
केंद्र सरकार के गाइड लाइन से यह साफ है कि बीपीएल राशन कार्डधारकों के लिए पांच एकड़ से कम कृषि भूमि होना जरुरी है। इससे अधिक होने पर बीपीएल कार्डधारक की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। CIVIL INDIA को मिले दस्ताावेज कम चाैंकाने वाला नहीं है। छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई जिला नहीं है जहां बीपीएल कार्ड बनाने के नाम पर गड़बड़ी की गई हो। सर्वे में यह बात भी सामने आ रही है कि जिम्मेदारों ने मौके पर जाने के बजाय घर बैठे लोगों के नाम सूची में शामिल कर लिया है। यह बात भी सामने आ रही है कि कई वास्तविक हितग्राही जिसे योजना का लाभ मिलना है कार्ड ना बनने के कारण बीपीएल की सूची से अब भी बाहर हैं। किसानों का कहना है कि कई छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है, उनके नाम भी सूची में शामिल कर दिए गए हैं।

अमले को यह पता नही
बीपीएल कार्डधारकों का सर्वे करने वाली टीम में शामिल विभागीय अमले को शासन के गाइड लाइन का भी पता नहीं है। तभी तो राज्य सरकार की सूची में कहीं 2.47 एकड़ भूमि पर धान बेचने वालों को संदिग्ध बताया गया है, तो कहीं 5 एकड़ से अधिक रकबे वालों को अपात्र माना गया है।
Also Read – EOW,ACB Raid : शराब व कोल स्कैम, छत्तीसगढ़ में 10 जगहों पर EOW ने मारा छापा
इन जिलों में आंकड़ा सबसे ज्यादा
महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार, राजनादगांव, बेमेतरा, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, रायपुर व बिलासपुर में बीपीएल राशन कार्ड बनाने के नाम पर सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा किया गया है।








