
दिल्ली। दिल्ली स्थित अपीलीय ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय ED को भूमि घोटाले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से जब्त की गई लग्जरी BMW X7 कार को तत्काल छोड़ने का निर्देश दिया।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट PMLA के तहत सुनवाई के बाद अपीलीय ट्रिब्यूनल ने यह आदेश पारित किया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि कार जैसी तेजी से मूल्य ह्रास होने वाली संपत्ति को इस अस्पष्ट आशंका के आधार पर अनिश्चित काल तक जब्त रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ।ट्रिब्यूनल ने ED को छह सप्ताह के भीतर वाहन को याचिकाकर्ता को सुपुर्द करने का निर्देश दिया। 2021 मॉडल की यह BMW X7 कार झारखंड भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की चल रही जांच के दौरान 29 जनवरी 2024 को सीएम सोरेन के दिल्ली स्थितआवास से छापेमारी के दौरान ED ने जब्त की थी।
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वाहन के रजिस्टर्ड ओनर भगवानदास होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने ईडी की जब्ती कार्रवाईको चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि जब्ती के 21 महीने बीत जाने के बावजूद ट्रिब्यूनल कार को अपराध की आय से जोड़ने वाला कोई सबूत देने या ज़ब्ती की कार्यवाही शुरू करने में विफल रहा। अपील में कहा कि कंपनी और उसके निदेशकों को न तो ECIR में और न ही ED द्वारा दायर अभियोजन शिकायतों में आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
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अपने फैसले में ट्रिब्यूनल ने कहा कि ED को वाहन जब्ती को उचित ठहराने के लिए कई अवसर दिए गए, लेकिन वह उचित जवाब दाखिल करने या कार को अपराध की कथित आय से जोड़ने वाले सबूत पेश करने में विफल रहा। ट्रिब्यूनल ने ED के तर्कों को खारिज कर दिया और पाया कि न तो वाहन और न ही कंपनी का नाम अभियोजन शिकायतों में था। ट्रिब्यूनल ने सशर्त आदेश जारी किया है। अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता एक वर्ष की अवधि के लिए कार को बेचेगा या उसका निपटान नहीं करेगा और उसे चालू हालत में बनाए रखेगा। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा है कि भविष्य में कोई नया सबूत सामने आने पर ED उचित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। ईडी द्वारा जब्त की गई अन्य सभी वस्तुएं, जिनमें डिजिटल उपकरण भी शामिल थे, मई में जारी आदेश के बाद से याचिकाकर्ता को लौटा दिए गए हैं।








