
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले में EOW ने पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, अनवर ढेबर के खिलाफ 1500 पन्नो का पूरक चालान पेश किया है. चालान में बताया है कि पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा द्वारा छ.ग. प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ प्रारंभ से ही आपराधिक षडयंत्रपूर्वक राइस मिलरों से अवैध वसूली की गई है. इससे 20 करोड़ रूपये भी प्राप्त किया गया है। मिलरों से अवैध वसूली करने हेतु मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारियों पर दबाव बनाकर मिलरों का बिल लंबित रखा जाता था, जिससे मिलर दबाव में आकर 20 रू. प्रति क्विंटल की दर से अवैध धनराशि देते थे।
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अनिल टुटेजा एवं अनवर ढेबर के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 120बी, 384 एवं 409 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (यथा संशोधित भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018) की धारा 11, 13 (1) (क), 13 (2) के अंतर्गत विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अ.) रायपुर में 1,500 पेज का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। दोनों आरोपी केन्द्रीय जेल रायपुर में बंद हैं। इसके पहले EIW ने फरवरी 2025 में रोशन चन्द्राकर एवं मनोज सोनी के खिलाफ प्रथम चालान प्रस्तुत किया था।
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अनवर ढेबर वर्ष 2022-23 में राजनीतिक रूप से प्रभावशील व्यक्ति थे। आयकर विभाग के छापे के दौरान प्राप्त डिजिटल साक्ष्यों से इस बात के प्रमाण मिले हैं कि वह न केवल शराब घोटाले बल्कि तत्कालीन शासन के अन्य महत्वपूर्ण विभागों जैसे-पीडब्ल्यूडी, वन विभाग पर भी गहरा एवं प्रत्यक्ष प्रभाव डालते थे। अनवर ढेबर के द्वारा कस्टम मिलिंग स्कैम में अनिल टुटेजा के लिये मिलरों से की गई अवैध वसूली का संग्रहण, व्यय, निवेश एवं उपभोग किया गया है। प्रकरण में रामगोपाल अग्रवाल एवं अन्य आरोपियों के विरूद्ध विवेचना जारी है।
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