बिलासपुर। ईडी की टीम ने शुक्रवार को मीनाक्षी ट्रेडर्स के संचालक सुल्तानिया के क्रांतिनगर स्थित आवास व व्यवसायिक ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान ईडी ने इलेक्ट्रानिक डिवाइस सहित महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जब्ती बनाई है। बिलासपुर के अलावा रायपुर में ईडी ने दबिश दी है। बिलासपुर में ईडी की दबिश के बाद बीते दो दिनों से अटकलों का दौर चल रहा है।
जानकारी के अनुसार कोल स्कैम के अलावा कस्टम मिलिंग घोटाले से जुड़े लोगों से जमीन की खरीदी बिक्री का रिकार्ड ईडी ने खंगाली है। जानकारी के अनुसार ईडी ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जब्ती भी बनाई है। ईडी की इस कार्रवाई में वित्तीय लेनदेन के अलावा मनी लांड्रिंग से जुड़ा मामला भी बताया जा रहा है। शुक्रवार को ईडी ने मीनाक्षी ट्रेडर्स के संचालक सुल्तानिया परिवार के क्रांतिनगर स्थित आवास में तड़के दबिश दी थी। जानकारी के अनुसार सुल्तानिया परिवार से जमीन बेची थी। जमतीन की खरीदारी करने वालों के तार घोटाले से जुड़ा होना बताया जा रहा है। जमीन खरीदी बिक्री के महत्वपूर्ण दस्तावेज ईडी ने अपने कब्जे में लिया है। माना जा रहा है कि मनी लांड्रिंग के जरिए जमीन की खरीदी बिक्री हुई है।
पढ़िए क्या है छत्तीसगढ़ का कोल स्कैम
ED का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला किया गया है। सिंडिकेट बनाकर 570 करोड़ की वसूली का दावा किया है। इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ED का आरोप है कि कोयले के परिचालन, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने समेत कई तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की गई है। छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था। यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से लिया जाता है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था। यह रकम 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी। कोल स्कैम से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।
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पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 पर एफआईआर
छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले में ED की रिपोर्ट पर ACB, EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। जिस पर अब ACB की टीम जांच कर रही है।
निलंबित IAS रानू साहू की 24 प्रॉपर्टी
FIR के अनुसार, 2015 से 2022 तक करीब 4 करोड़ की अचल संपत्ति खुद और परिवार के सदस्यों के नाम।
2022 में आयकर विभाग ने रानू साहू के सरकारी निवास और दफ्तर में छापा मारा। इसके बाद ED ने रानू साहू के घर छापा मारा था। कोरबा कलेक्टर रहते कोल लेवी में घोटाले और आय से ज्यादा संपत्ति का आरोप।
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सौम्या चौरसिया की 29 अचल संपत्ति
पूर्व CM की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। सौम्या नगर निगम बिलासपुर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पाटन और कई शासकीय पदों पर रहीं हैं। दिसम्बर 2019 से नवम्बर 2022 तक मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर थीं। सौम्या चौरसिया और परिवार के नाम 9.20 करोड़ की संपत्ति की पुष्टि EOW ने की।








