बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा, न्याय सिर्फ समर्थवान के लिए नहीं बल्कि सबके लिए होना चाहिए है। न्याय में विलंब से मीडिया ट्रायल बढ़ रहा है। इसका असर निचली अदालतों में देखने को मिल रहा है। मीडिया ट्रायल के कारण निचली अदालतें जमानत देने से डर रहा है। जरुरतमंदों को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा है। न्यायालय की खूबसूरती भव्य भवन से नहीं,बल्कि यहां से मिलने वाला न्याय होता है। विलंब से मिलने वाला न्याय, न्याय नहीं रह जाता। न्याय सिर्फ समर्थवान के लिए नहीं सबके लिए होना चाहिए। राज्यपाल डेका बिलासपुर हाई कोर्ट के रजत जंयती समारोह में शिरकत कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा, विलंब से मिलने वाला न्याय, न्याय नहीं रह जाता है। उन्होंने एमपीएसआरटीसी के बिल असिस्टेंट अवधिया का उदाहरण देते हुए बताया, उसने न्याय के लिए कितनी लंबी लड़ाई लड़ी। न्याय में देरी पर कोर्ट को ध्यान देना चाहि। अभी जस्टिस बहुत देर से मिलता है। देर से मिलने वाला न्याय अन्याय के सामान है। हमें न्यायपालिका के विश्ववास को बरकरार रखना है। लोगों की निगाह ज्यूडिशरी पर है। लोगों को न्याय दिलाना हमारी जिम्मेदारी है। राज्यपाल ने कहा, न्यायपालिका के महत्वपूर्ण अंग बार और बेंच है। जिनके बीच अक्सर टकराव देखने को मिलता है। मीडिया ट्रायल का असर निचली अदालतों पर साफतौर पर देखा जा सकता है। ट्रायल के चलते निचली अदालतें जमानत देने से डरता है। जमानत के लिए लोगों को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है। राज्यपाल ने कहा न्यायपालिका में न्याय सबके होना चाहिए।
Also Read – 2621 बर्खास्त सहायक शिक्षकों की नौकरी अब पक्की
सीनियर एडवोकेट से हुई बातचीत को साझा
राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के जाने माने एडवाेकेट राम जेठमलानी से हुई बातचीत को साझा किया। मेरी बेटी आपकी बड़ी फैन है। उसने मुझे आपके बारे में बताया कि आप निजी मीडिया चैनल को इंटरव्यू व्हिस्की के पेग लेकर देते हैं।राम जेठमालानी ने बताया कि रात 8:15 बजे मुझे पेग चाहिए। राज्यपाल ने बताया कि जब जनता पार्टी की सरकार थी, तो राम जेठमलानी को मंत्री पद नहीं दिया गया। वे मोरारजी देसाई के पास गए। तब मोरारी जी देसाई ने उनसे कहा था कि वह ड्रिंक करते हैं, इसलिए मंत्री नहीं बनाया। जब जनता पार्टी की सरकार गिरी तब राम जेठमलानी ने उनके पास पहुंचकर कहा था कि चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम, जिन्होंने कभी शराब नहीं पी, उन्होंने ही आपकी सरकार गिरा दी.।
सीएम साय बोले- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर नगरी को एक नई पहचान दी है

समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। यह शुभ अवसर हमारे हाई कोर्ट की रजत जयंती का भी है। यह वर्ष हमारी विधानसभा का रजत जयंती वर्ष भी है। इन सभी शुभ अवसरों पर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर की नगरी को एक नई पहचान दी है। इस शुभ अवसर पर हम भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री एवं हमारे राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनकी दूरदर्षिता से छत्तीसगढ़ राज्य एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना संभव हो सकी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों की उपलब्धता के साथ ही हम किसी भी हालत में समय पर न्याय उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध हैं। इसी क्रम में हमने वर्ष 2023-24 की तुलना में विधि एवं विधायी विभाग के बजट में पिछले साल 25 प्रतिशत और इस वर्ष 29 प्रतिशत बढ़ोतरी की है।
Also Read – ED Raid: इलेक्ट्रानिक डिवाइस, डाक्यूमेंट्स जब्त
जस्टिस माहेश्वर ने कहा- जहां धर्म है, वहां विजय है
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके. माहेश्वरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और यह धान्य पूर्णता की ओर ली जाती है। जहां धर्म है वहां विजय है। हमार सच्चा कर्म और विचार ही धर्म है। चेतना ही सहज धर्म से जोड़ती है। अगले 25 साल में हम न्यायपालिका को कहां रखना चाहते है इस पर विचार और योजना बनाने का समय है। आम आदमी कोर्ट के दरवाजे पर एक विश्वास के साथ आता है उस मूल भावना के साथ कार्य करें। उन्होंने न्याय व्यवस्था से जुड़े बेंच, बार और लॉयर को विजन के साथ आगे बढ़ने प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सभी समेकित विजन बनाएं ताकि न्यायपालिका अपने जनकल्याण के अंतिम उद्वेश्य तक पहुंच सके। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि भारत के संविधान में रूल ऑफ लॉ की भावना पूरी हो इसके लिए सभी कार्य करें और अंतिम पायदान तक खड़े व्यक्ति तक न्याय पहंुचे इस सोच के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि आमजनों का विश्वास प्राप्त करना न्यायपालिका का सर्वाेत्तम उद्देश्य है। हाईकोर्ट की स्थापना के साक्षी रहे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री प्रशांत कुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजत जयंती कार्यक्रम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और न्यायालय से जुड़े अपने संस्मरण साझा किया।
केंद्रीय मंत्री तोखन ने कहा- न्यायपालिका की सुदृढ़ परंपरा का सम्मान
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि आज केवल न्यायपालिका के 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव नहीं है बल्कि न्यायपालिका की उस सुदृढ़ परंपरा का सम्मान है जिसने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में अपना निरंतर योगदान दिया है। पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने न्याय की पहुंच को आम जनता तक सरल बनाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और तकनीकी को क्रांति की तरह अपनाने में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
चीफ जस्टिस सिन्हा ने दी बधाई
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। न्यायालय की स्थापना के रजत जयंती अवसर पर सभी अतिथियों और उपस्थित जनों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का रजत जयंती कार्यक्रम निश्चित रूप से हम सभी के लिए गौरवशाली क्षण है। पिछले 25 वर्षों में न्यायालय ने विधि के शासन को स्थापित करने बेहतर कार्य किया है। उन्होंने न्यायालय की स्थापना से लेकर अब तक उपलब्धि एवं कामकाज में आए सकरात्मक बदलाव से सभा को अवगत कराया। समारोह के अंत में न्यायाधीश संजय के अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया।

Also Read – ED Raid : मीनाक्षी ट्रेडर्स के संचालक सुल्तानिया ब्रदर्स के घर और ठिकानों पर ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी
इनकी रही मौजूदगी
उप मुख्यमंत्री अरूण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, विधि विधायी मंत्री गजेन्द्र यादव, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एम.म. श्रीवास्तव, तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी सैम कोसी, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यतीन्द्र सिंह, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूणदेव गौतम, महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत, विधायक धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष चंदेल सहित अन्य न्यायाधीश, अधिवक्ता, जन प्रतिनिधिगण तथा न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।









