
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के जेल में बंद कैदियों से वसूली की दूसरी और गम्भीर शिकायत सामने आई है। जेल अफसरों की प्रताड़ना व उगाही से परेशान आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी ने सैनिटाइजर पीकर जान देने की कोशिश की। बहरहाल वह खतरे से बाहर है और सिम्स में इलाज चल रहा है। कैदी की पत्नी ने अम्बिकापुर जेल अफसरों पर प्रताड़ना और वसूली का गम्भीर आरोप लगाई है। सारंगढ़ उप जेल के बाद कैदियों से उगाही का यह दूसरा मामला सामने आया है। वहां भी जेल कर्मियों ने ऑनलाइन उगाही की थी। हाई कोर्ट में उस मामले की सुनवाई चल रही है।
अंबिकापुर जेल वापस भेजे जाने से बचने के लिए फरार कैदी ने बुधवार को सैनिटाइजर पी लिया। उसे सिम्स में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। कैदी मस्तूरी का रहने वाला है। हत्या के मामले में उसे उम्रकैद की सजा हुई है। वह अंबिकापुर जेल में सजा काट रहा है। उसकी पत्नी का आरोप है कि जेल में उससे बार-बार रिश्वत मांगी जाती है। रुपए नहीं देने पर प्रताड़ित किया जाता है। कुछ दिन पहले उसे अंबिकापुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह अस्पताल से फरार हो गया था।
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पत्नी का आरोप है कि जेल अधिकारियों के रिश्वत मांगने और प्रताड़ना से तंग आकर कैदी रमेश कांत अंबिकापुर अस्पताल से भागकर बिलासपुर आ गया था। मंगलवार को उसने बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष सरेंडर किया। इसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने दोपहर 2 बजे उसे जेल में दाखिल कराया। पूछताछ के दौरान उसके जेल से फरार होने और मणिपुर थाने में दर्ज एफआईआर की जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया, पर कोई नहीं आया। रात हो जाने पर उसे वापस सिविल लाइन थाने भेजा दिया। जेल प्रहरी उसे थाने में छोड़कर लौट गए। जेल में दाखिल दिखाने के कारण पुलिस ने थाने में रखने से इनकार कर दिया। कैदी थाने के बाहर देर तक भटकता रहा। बाद में किसी ने उसकी पत्नी अमरिका बाई को खबर दी, जो उसे घर ले गई। बुधवार को अंबिकापुर पुलिस कैदी को लेने घर पहुंची। दोबारा जेल जाने के डर से उसने घर के पीछे जाकर सेनेटाइजर पी लिया। तबीयत बिगड़ने पर परिवार वालों ने उसे सिम्स में भर्ती कराया। कैदी की पत्नी अमरिका बाई ने 7 अक्टूबर को कलेक्टर को दी शिकायत में बताया कि उसके पति रमेश कांत को धारा 302, 324, 34 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वह अंबिकापुर जेल में सजा काट रहा है। जेल अधिकारी और प्रहरी उनसे रुपए की मांग कर जातिगत गाली-गलौज और मारपीट करते हैं। सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। प्रताड़ना से तंग आकर 6 अक्टूबर को वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अंबिकापुर से फरार हो गया।
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रिश्वत के आरोपों की कराएंगे जांच
जेल अधीक्षक, अंबिकापुर अक्षय सिंह राजपूत का कहना है –
कैदी की पत्नी द्वारा की गई शिकायतों के लिए सूरजपुर जेल अधीक्षक को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ नियम अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। चूंकि बिलासपुर में उसके कई अपराध हैं, ऐसे में उसे दूसरे जेल में भेजने प्रतिवेदन मुख्यालय को भेजा जाएगा।
- एसएसपी बिलासपुर रजनेश सिंह का कहना है, कैदी आपराधिक प्रवृत्ति का है। जेल में उसकी ढेरों शिकायतें व अपराध हैं। अंबिकापुर पुलिस उसे लेने आई तो उसने नशीली टेबलेट व सेनेटाइजर सेवन कर लिया। जेल दाखिल की पावती लेने और लिखित आदेश नहीं होने से टीआई ने उसे थाने में नहीं रखा।
- पत्नी का खुलासा, अंबिकापुर जेल अफसरों को दिए ऑनलाइन 1.20 लाख रुपए
शंकर तिवारी 5000, अभिषेक शर्मा 10000, अखिलेश सिंह, लोकेश टोप्पो 30000, ललई बाबा 5000, अनिल बाबा गुप्ता 1500, विजय बहादुर 10000, विजय बहादुर के बेटे को 11000, मनोज सिंह 10000, सौरभ शर्मा 10000, संजय खैरवार 2000, रमेश साहू 2000, निलेश केरकेट्टा 12000, चंद्र प्रकाश लहरे 12000 रुपये।
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बिलासपुर जेल में रहते ये जुर्म
- 18 जुलाई 2023 को कुछ लोगों से मारपीट कर चोट पहुंचाया।
- 5 जनवरी 2020 को बेटी के वार्षिक श्राद्ध में जाने के बाद 3 साल से फरार।
- 18 मई 2015 को उसकी जेब से झूठी शिकायत पत्र जब्त की गई
- 27 फरवरी 2015 को हत्या की नीयत से बंदी संजीव के साथ मारपीट की।
- 16 अप्रैल 2024 को बंदी ब्रजेश से मारपीट, तलाशी लेने पर 3 पैकेट तंबाखू मिला।
- 8 जून 2018 कैदी को दिए गए रात्रि कार्य में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की गई थी।
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जेल प्रशासन ने कैदी मुकेश के अपराधों का खोला कच्चा चिट्ठा
पैरोल से फरार हो गया था, जेल में करता था रंगदारी
- - हत्या के आरोप में बंदी मुकेश कांत (उम्र 41 वर्ष) वर्ष 2011 से सजा काट रहा है। वर्ष 2020 में वह पैरोल से फरार हो गया था एवं 3 साल बाद वर्ष 2023 में पकड़ा गया था।
- बिलासपुर जेल में वह रंगदारी और दूसरे कैदियों से मारपीट करता था जिसके कारण जनवरी 2024 में उसे अंबिकापुर जेल में स्थान्तरित किया गया था।
- जेल में रहने की अवधि के दौरान उस पर लगातार जेल अपराध कायम हुए हैं।
- तबियत खराब होने की शिकायत पर उसे पुलिस गार्ड के साथ अंबिकापुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 06.10.25 को वह पुलिस गार्ड को चकमा देकर अम्बिकापुर अस्पताल से फरार हो गया।
- अंबिकापुर पुलिस उसे ढूंढ रही थी, इस बीच 07.10.25 को उसने बिलासपुर कलेक्टर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 08.10.25 को जब अंबिकापुर पुलिस उसे गिरफ्तार करने बिलासपुर आई तो कथित रूप से सैनिटाइजर और दर्द निवारक गोलियों को खाने की बात कहकर वह सिम्स, बिलासपुर में भर्ती हो गया।
- येन केन प्रकरेण वह बिलासपुर जेल में ही रहना चाहता है। बिलासपुर में उसका घर है।
- उसकी पत्नी ने अम्बिकापुर जेल स्टाफ पर पैसे लेने और प्रताड़ना के आरोप लगाए है, जिसकी जांच एस एस तिग्गा, डीआईजी जेल कर रहे हैं।
- अम्बिकापुर अस्पताल से बंदी मुकेश कांत के फरार होने के प्रकरण में आरक्षक मदन पैकरा को पुलिस अधीक्षक, सरगुजा ने निलंबित किया है। बंदी अभी सिम्स बिलासपुर अस्पताल में है, जिसे आज वापिस अम्बिकापुर ले जाकर जेल दाखिल करवाया जाएगा।
- बंदी मुकेश कांत को अन्य जेल स्थानान्तरित करने का आदेश आज जारी किया जाएगा।








