सरगुजा। PMO से आई एक चिट्ठी ने उत्तर छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक अमले में हलचल मचा दी है। मामले की जांच के बाद अंबिकापुर कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ ने बिड़ला ओपन माइंड स्कूल सरगवां अंबिकापुर के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि को सरकारी खजाने में जमा कराने और चालान की ओरिजनल काॅपी तीन दिनों के भीतर डीईओ कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है। DEO ने दोटूक कहा है, इस तरह की गड़बड़ी दोबारा करने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर सरगंवा के बिरला ओपन माइंड स्कूल प्रबंधन के खिलाफ डीईओ ने 10 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। पीएमओ में एक अभिभावक ने शिकायत की थी। पीएमओ के निर्देश पर कराई गई जांच में शिकायत सही पाई गई है। बिरला ओपन माइंड स्कूल प्रबंधन पर बिरला ओपन माइंड स्कूल प्रबंधन पर निजी प्रकाशकों की किताबें चलाने के अलावा शहर में एक ही दुकान की मानोपाल कर दी है। इससे दुकान संचालक भी अध्ययन सामग्री को मनमाने कीमत पर बेच रहा है।
अभिभावक राहुल अग्रवाल ने PMO में शिकायत कर निजी स्कूल प्रबंधन की मनमानी की शिकायत की थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए पीएमओ ने कलेक्टर सरगुजा को मामले की जांच कराने का आदेश दिया था। कलेक्टर ने डीईओ को मामले की जांच कराने और जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही थी। डीईओ ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। जांच टीम ने शिकायत को सही पाते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी। रिपोर्ट के आधार पर डीईओ ने स्कूल प्रबंधन पर जुर्माना किया है।
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PMO की शिकायत में यह सब
अंबिकापुर निवासी अभिभावक राहुल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार नई दिल्ली में की गई शिकायत में लिखा है, बिड़ला ओपन मांइड स्कूल सरगवां अम्बिकापुर जिला-सरगुजा में खुली लूट चल रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति यहां लागू नहीं है। विद्यालय द्वारा अपनी दुकानें फिक्स कर दी है। मेरी बच्ची बिड़ला ओपन माइंड स्कूल में पढ़ती है। सभी किताबें निजी प्रकाशकों की है। एक ही दुकान से पुस्तकें व ड्रेस खरीदना अनिवार्य कर दिया है। एक पतली सी 24 पेज की किताब 6.50 रूपये की है। दुकान से किताबों से पूरा सेट लेना अनिवार्य है। आधी किताबें नहीं मिलेंगी और न ही फोटो कॉपी चलेगी। इस तरह से अभिभावक पर अनुचित दबाब डाला जा रहा है। शिकायत की जांच प्राचार्य, शाकउमावि मणिपुरवार्ड अम्बिकापुर से कराया गया।
जांच में मिली ये गड़बड़ी, शिकायत पाई गई सही
विद्यालय में SCERT (निःशुल्क छग पाठ्य पुस्तक) अथवा NCERT की पुस्तकें किसी भी कक्षा में लागू नहीं किया गया है। सभी कक्षा में प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकें लागू की गई है। इस संबंध में छात्रों-छात्राओं के कौशल एवं गुणवत्ता बढ़ाने हेतु पुस्तकें लागू किये जाने का लेख किया है। संस्था द्वारा कक्षा नर्सरी से कक्षा 08 वीं तक लागू की गई पुस्तकों की मूल्य सहित सूची प्रस्तुत की गई है। संस्था द्वारा पुस्तक विक्रेताओं को पुस्तकें विक्रय हेतु कक्षावार पुस्तकों की सूची प्रदान किये जाने का लेख किया गया है। आपके द्वारा कक्षा पांचवी, छठवीं, सातवीं एवं आठवीं की पुस्तकों की फोटो कॉपी मान्य किया जा सकता है किन्तु कक्षा 01 से 04 तक कार्य पुस्तिका की फोटोकॉपी मान्य नहीं किये जाने का लेख किया है।
जांच अधिकारी द्वारा अभिमत में लेख किया गया है कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय का छ०ग० राज्य बोर्ड से सम्बद्धता होने पर भी छग एससीईआरटी की पुस्तकें लागू नहीं करके निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लागू करना, कक्षा नर्सरी से आठवी तक सभी पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल गणवेश केवल एक ही फर्म “किताब घर” भट्ठी रोड केदारपुर अम्बिकापुर में उपलब्ध होने तथा कम पृष्ठों की पुस्तकों का अत्यधिक मूल्य निर्धारित कर विक्रय करना विद्यालय प्रबंधन द्वारा अनुचित लाभ हेतु संलिप्तता को प्रदर्शित करता है।
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DEO के आदेश में यह सब
बिड़ला ओपन मांइड स्कूल सरगवां अम्बिकापुर जिला-सरगुजा का उपरोक्त कृत्य अत्यंत आपत्तिजनक एवं नियमों के विपरीत है। अतः बिड़ला ओपन मांइड स्कूल सरगवां अम्बिकापुर जिला-सरगुजा के विरूद्ध एक लाख रुपये आर्थिक दण्ड अधिरोपित किया जाता है।चेतावनी दी जाती है कि उपरोक्त कृत्य की पुनरावृत्ति भविष्य में न किया जावे। अन्यथा संस्था की मान्यता समाप्त कर दी जावेगी। उक्त आर्थिक दण्ड 0202-शिक्षा खेल कला और संस्कृति 01-सामान्य शिक्षा 600- सामान्य शीर्ष में चालान के माध्यम से शासन के खजाने में जमा करते हुए चालान की मूल प्रति सहित पालन प्रतिवेदन 03 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें।
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