बिलासपुर l बिलासपुर हाईकोर्ट ने जांजगीर-चांपा जिले के खरौद गांव और अन्य इलाकों में फैले डायरिया के प्रकोप पर लिए गए स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की कार्रवाई से संतोष जताया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने समय पर कदम उठाए और हालात अब नियंत्रण में हैं। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर 2025 को होगी।
हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर यह जनहित याचिका दर्ज की थी। जुलाई 2025 में खरौद गांव और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषित पानी पीने से डायरिया फैला, जिससे 23 से ज्यादा मामले सामने आए। बाद में अलग-अलग ब्लाकों में कुल मिलाकर 78 मरीज मिले थे। इस पर कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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हेल्थ सिकरेट्री ने दिया जवाब
स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट को बताया कि, सभी प्रदूषित पानी के स्रोतों को सील कर दिया गया है। हैंडपंप और अन्य जलस्रोतों में क्लोरीनेशन और डिसइन्फेक्शन कराया गया। गांव-गांव जाकर स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य जागरूकता पर विशेष अभियान चलाया गया। लोगों को उबला पानी पीने, हाथ धोने, खुले में शौच न करने और ताजा भोजन खाने की हिदायत दी गई। 5 मरीजों के स्टूल सैंपल की जांच की गई, जो कालरा के लिए निगेटिव पाए गए। जिले और ब्लाक स्तर पर रेपिड रिस्पान्स टीम बनाई गई है। सभी मेडिकल कालेज और जिला अस्पतालों में संक्रमण की जांच की सुविधा सुनिश्चित की गई है। दवाइयों की अग्रिम व्यवस्था की गई है और लगातार मानिटरिंग की जा रही है।
कोर्ट ने कहा; मानिटरिंग जरूरी
कोर्ट ने माना कि सरकार ने तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की है। संदिग्ध मरीजों में अब डायरिया के लक्षण नहीं हैं। कालरा संक्रमण की कोई पुष्टि नहीं हुई है। पहले लगाए गए स्वास्थ्य शिविरों को अब हटाया जा चुका है, क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है। कोर्ट ने कहा कि मामला अभी मानिटरिंग के अधीन रहेगा। अगली सुनवाई 29 अक्टूबर 2025 को होगी, ताकि स्थिति पर और नजर रखी जा सके।








