IMG_5401
हाई कोर्ट ने कहा यह दुष्कर्म का मामला नहीं
Share on

बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट के जस्टिस एनके चन्द्रवंशी ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में छत्तीसगढ़ के बस्तर में रेप के आरोप में 10 साल की सजा काट रहे CAF छत्तीसगढ़ आर्ड फोर्स के जवान को हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा, युवती खुद होकर लड़के के घर गई, बार-बार संबंध बनाए, यह दुष्कर्म नहीं प्रेम संबंध था। इस टिप्पणी के साथ सिंगल बेंच ने CAF जवान की 10 साल की सजा को रद्द कर दिया है।

सिंगल बेंच ने माना कि पीड़िता बालिग थी और लंबे समय तक अपनी मर्जी से जवान के साथ रही। दोनों के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बने थे। इसलिए इसे दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता। बेंच ने फास्ट ट्रैक कोर्ट बस्तर (जगदलपुर) के 21 फरवरी 2022 को दिए गए फैसले को रद्द कर दिया है।

Also Read – कोल स्कैम: IAS ने प्रापर्टी में किया इन्वेस्ट

बस्तर जिले के रहने वाले रूपेश कुमार पुरी (25) के खिलाफ 2020 में युवती ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार युवती की शादी 28 जून 2020 को किसी दूसरे युवक से तय हो गई थी। शादी के एक दिन पहले 27 जून 2020 को रूपेश उसे अपने घर ले गया। शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। जवान ने उसे दो महीने तक अपने घर में रखा और बाद में धमकाकर निकाल दिया। शादी से इनकार कर दिया। युवती की शिकायत पर पुलिस ने धारा 376(2) (एन) के तहत मामला दर्ज कर फास्ट ट्रैक कोर्ट जगदलपुर में चालान पेश किया था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जवान रूपेश को 10 साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया था।

फास्टट्रैक कोर्ट के फैसले के खिलाफ रूपेश पुरी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में अपील पेश की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। 2013 से उनके बीच प्रेम संबंध था। पहले भी पीड़िता ने उस पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था। जिसमें रूपेश बरी हो चुका था। बाद में दोनों ने फिर से संबंध बनाए और पीड़िता अपनी मर्जी से उसके घर गई थी। वकील ने कहा कि, यह मामला प्रेम संबंध का है, न कि दुष्कर्म का। यदि शादी नहीं हो पाई, तो इसे झूठे वादे के तहत सहमति नहीं कहा जा सकता।

Also Read – मेडिकल बिल में फर्जीवाड़ा: शिक्षक नेता पर लटकी FIR की तलवार

अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता छत्तीसगढ़ आर्ड फोर्स (CAF) में पदस्थ था। ड्यूटी पर रहने के कारण कुछ समय घर से दूर रहा। इसी बीच पीड़िता और आरोपी के माता-पिता के बीच विवाद हुआ। जिसके बाद परिजनों के दबाव में FIR दर्ज कराई गई। युवती की ओर से पैरवी करते हुए पैनल वकील ने कहा कि, आरोपी ने शादी का झांसा देकर 2 महीने तक पीड़िता का यौन शोषण किया और बाद में छोड़ दिया। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला रद्द करते हुए याचिकाकर्ता को रेप के आरोप से बरी कर दिया है।

दोनों के बीच 2013 से था प्रेम संबंध


हाई कोर्ट ने गवाही और साक्ष्यों का विस्तार से परीक्षण करते हुए पाया कि, पीड़िता और आरोपी के बीच 2013 से प्रेम संबंध था। पीड़िता ने खुद स्वीकार किया कि उसने फेसबुक पर जवान को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। दोनों के बीच लगातार बातचीत होती रही। पीड़िता ने यह भी कहा कि, अगर आरोपी के माता-पिता उसे परेशान न करते, तो वह FIR दर्ज नहीं कराती। पीड़िता के माता-पिता ने भी अदालत में कहा कि, आरोपी का परिवार बेटी के साथ ठीक व्यवहार करता, तो वे पुलिस में रिपोर्ट नहीं करते। अदालत ने यह भी पाया कि, मेडिकल रिपोर्ट और FSL रिपोर्ट में दुष्कर्म के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले।

Also Read – चटनी के कारण टीचर सस्पेंड !

हाई कोर्ट ने कहा, जबरन यौन शोषण के बजाय, आपसी प्रेम और सहमति का मामला


हाई कोर्ट ने कहा कि, यह मामला जबरन यौन शोषण का नहीं, बल्कि आपसी प्रेम और सहमति का है। पीड़िता खुद आरोपी के घर गई, उसके साथ रही और बार-बार संबंध बनाए। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी ने झूठे वादे से उसे धोखा दिया।

Also Read – बड़ी उठाईगीरी: सराफा व्यापारी से एक करोड के जेवरात और नगद की चलती बस से उठाईगिरी

जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि, केवल शादी के वादे पर बने संबंध को दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता। जब तक यह साबित न हो कि आरोपी ने शुरू से ही शादी करने का इरादा नहीं रखा था। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला रद्द करते हुए आरोपी रूपेश कुमार पुरी को सभी आरोपों से बरी कर दिया।


Share on

Related Posts

फ़िल्म स्टार सलमान खान के एक बयान ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। बौखलाए पाक सरकार ने सलमान खान को आतंकवादी घोषित कर दिया है।

Share on

Share onबॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार वजह बनी है उनका हालिया बयान, जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान का ज़िक्र किया था। इस टिप्पणी


Share on
Read More

बड़ी खबर

About Civil India

© 2025 Civil India. All Rights Reserved. Unauthorized copying or reproduction is strictly prohibited

error: Content is protected by civil India news, Civil India has all rights to take legal actions !!