सूरजपुर। जुआ की सूचना पर रेड करने पहुंची पुलिस को देखकर जुआरी भागने लगे। इस दौरान एक युवक की कुंए में गिरकर मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ ने थाने में घुसकर तोड़फोड़ की और जमकर उत्पात मचाया। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों से हुज्जतबाजी भी की। उसके भी गुस्सा ठंडा नहीं हुआ तो थाने में पथराव कर दिया। इससे पुलिस कर्मी घायल हो गए। ग्रामीणों की भीड़ को नियंत्रित करने के पुलिस को लाठी भी भांजनी पड़ी। पूरी रात तनाव की स्थिति बनी रही। यह पूरी घटना जयनगर थाना क्षेत्र की है।
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जयनगर थाना क्षेत्र के कुंज नगर में पुलिस को जुआ की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस की टीम रेड मारने पहुंची। पुलिस टीम को देखते ही जुआ खेल रहे ग्रामीण भागने लगे। भागने के दौरान आपाधापी में एक ग्रामीण कुएं में गिर गया और उसकी डूबकर मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही गुस्साए ग्रामीणों की भीड़ ने जयनगर थाने का घेराव कर दिया। सैकड़ो की संख्या में आए ग्रामीणों ने थाना परिसर में घुसकर दरवाजे, खिड़कियां, कुर्सियां और वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। भीड़ ने पुलिसकर्मियों से भी झुमाझटकी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
लाठी चार्ज के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को थाने से बाहर धकेल कर थाने का शटर खींचा और ताला लगा दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने थाना के बाहर से पथराव कर दिया। बाहर खड़े होकर ग्रामीण थाने में पत्थर चला रहे थे। जिसमें कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की जानकारी मिल रही है। सड़क पर ग्रामीण देर रात तक प्रदर्शन करते रहे। मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने थाना परिसर में भी आतिशबाजी की। थाने के सामने सड़क जामकर ग्रामीण हंगामा मचाते रहे।
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सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ के चलते थाने के चंद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बन तमाशबीन बनने को मजबूर हो गए। वही घंटों तक ग्रामीण प्रदर्शन करते रहे। मिली जानकारी के अनुसार रात एक बजे तक फोर्स नहीं पहुंच।पाई थी, जिसके चलते ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी रहा और चंद पुलिसकर्मियों के होने के चलते लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनी रही।
बुझ गया घर का इकलौता चिराग
जानकारी के अनुसार कुएं में गिरने वाला युवक अपने घर का इकलौता लड़का था। घटना के कई घंटे बाद भी कुएं से उसका शव नहीं निकाला जा सका था। ग्रामीण युवक के शव को कुएं से निकालने की मांग कर रहे थे।
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मुखबिरी का भी आरोप
मृतक युवक अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मौत के बाद गांव का माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस के छापे के दौरान किसी ने मुखबिरी की थी जिसके चलते यह हादसा हुआ। ग्रामीण जयनगर थाने के एक स्टाफ पर मुखबिरी का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि मुखबिरी नहीं होती तो कोई भी जुआरी भाग नहीं पाता और पुलिस सभी को गिरफ्तार कर लेती। इस स्थिति में केवल पुलिसिया कार्यवाही होती पर युवक की जान तो बच जाती।








