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जाति के महिमामंडन पर लगी रोक: यूपी में जाति आधारित रैली पर रोक, हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार का बड़ा फैसला
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इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम गाइड लाइन जारी किया है। इसके अनुसार अब पुलिस रिकार्ड के अलावा जारी की जाने वाले नोटिसों में जाति का जिक्र नहीं किया जाएगा। प्रदेश में जाति आधारित आयोजनों व रैलियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश में अगर वाहनों पर जाति आधारित स्टीकर या नारे लगाते सुनाई और दिखाई देंगे तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस रिकार्ड से जाति-आधारित उल्लेखों को पुलिस अभिलेखों, आधिकारिक प्रारूपों, वाहनों और सार्वजनिक स्थानों से हटाने का 10 सूत्रीय आदेश जारी किया है। इसके अलावा राज्य में जाति-आधारित राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश में कहा गया कि ऐसी रैलियां जातिगत संघर्ष को बढ़ावा देती है। यह राष्ट्रीय एकता के खिलाफ है। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया फैसले के परिपालन में उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया है। एक याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जाति-गौरव प्रदर्शन को असंवैधानिक और राष्ट्र-विरोधी बताया था। हाई कोर्ट के निर्देश के परिपालन में उत्तर प्रदेश सरकार ने गृह विभाग और DGP को SOP तैयार करने और पुलिस नियमावली में संशोधन करने निर्देश जारी किया है।

हाई कोर्ट का ये है महत्वपूर्ण आदेश


हाई कोर्ट ने कहा था कि FIR, गिरफ्तारी मेमो, जब्ती पंचनामा और पुलिस नोटिस बोर्ड पर जाति लिखना पहचान-आधारित प्रोफाइलिंग है, जो पूर्वाग्रह को मजबूत करता है और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने वाहनों पर जाति-आधारित स्टीकर, कॉलोनियों को जाति-क्षेत्र घोषित करने वाले बोर्ड और सोशल मीडिया पर जाति-गौरव पोस्ट को भी सामाजिक विभाजन को गहरा करने वाला माना है।

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राज्य सरकार ने इन बिंदुओं पर जारी किया आदेश

  • CCTNS फॉर्मेट से जाति कॉलम हटाया जाएगा, जब तक हटाया न जाए तब तक इसे खाली छोड़ा जाएगा।
  • अभियुक्त, शिकायतकर्ता के पहचान विवरण में पिता,पति के साथ मां का नाम भी जोड़ा जाएगा।
  • पुलिस थानों के नोटिस बोर्ड पर जाति का कॉलम हटाया जाएगा। गिरफ्तारी, बरामदगी और व्यक्तिगत तलाशी मेमो में जाति दर्ज नहीं होगी।
  • वाहनों पर जाति-आधारित नाम, नारे, स्टीकर लगाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
  • गांव, कस्बों या मोहल्लों में जाति-आधारित बोर्ड, साइन हटाए जाएंगे।
  • राजनीतिक उद्देश्यों से जाति-आधारित रैलियाँ प्रतिबंधित होंगी।
  • शल मीडिया पर जाति-गौरव या जाति-आधारित घृणा वाले कंटेंट पर सख्त निगरानी
  • केवल कानूनी आवश्यकता, SC,STअत्याचार निवारण कानून की जांच में ही जाति दर्ज की जाएगी।

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