बिलासपुर। दिल तो पागल है, दीवाना है या फिर मस्ताना है। चाहे कुछ भी कह लें या गुनगुना लें। अहसास वैसा ही होगा। जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगगढ़ बिलासपुर जे 70 वर्षीय दादूराम की। जिसने 45 साल की महिला से शादी रचाई है। दादूराम की खुशियों में मोहल्ला भी शामिल हुआ। कहते हैं ना प्यार में उम्र की कोई सीमा नगीन होती और जन्मों का बंधन भी नहीं। तभी तो 70 साल के डायफ़्राम के जीवन मे 45 साल की महिला रस घोलने आ गई है।

प्यार ने जैसे उम्र की दीवार तोड़ दी! जैसे ही उम्र की दीवार टूटी शादी, प्यार की अनोखी मिसाल बन गई। यह अनोखी प्रेम कहानी है छत्तीसगढ़ बिलासपुर के सरकंडा इलाके की। 70 वर्षीय दादूराम गंधर्व और 45 वर्षीय महिला ने समाज की परवाह किए बिना एक-दूसरे को जीवनसाथी चुन लिया। चिंगराजपारा अटल आवास इलाके में हुई इस अनोखी शादी में पूरा मोहल्ला बराती और घराती बनकर शामिल हुआ। मेहमाननवाजी और मेजबानी का मिलाजुला अंदाज नजर आया।
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दादूराम रोजी-मजदूरी करके अपना जीवनयापन करते हैं। वहीं मोहल्ले में रहने वाली 45 वर्षीय महिला से उनकी जान-पहचान हुई, फिर पहचान धीरे-धीरे गहरी दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। दोनों ने जीवनभर साथ निभाने का फैसला किया और समाज की परंपराओं से ऊपर उठकर विवाह करने का निर्णय लिया। अपने पहले पति से परेशान दो बच्चों की मां ने अपने प्रेम को रिश्तों में बदल कर एक मिसाल पेश की ।
करवा चौथ के दिन दोनों ने पूरे विधि-विधान से मोहल्ले के शिव मंदिर में भगवान को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। वरमाला, सिंदूर और मांग भरने की रस्म के साथ विवाह की सभी परंपराएं निभाई गईं। इस मौके पर मोहल्ले के लोगों ने बाजे-गाजे के साथ जमकर थिरके। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि दादूराम और उनकी नाइ नवेली दुल्हन की प्रेम कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। 70 साल की उम्र में भी दादूराम की मोहब्बत और जज्बा देखकर हर कोई दंग रह गया। वहीं 45 साल की उनकी पत्नी ने भी समाज के बंधनों को तोड़कर अपने दिल की सुनी। दोनों की जोड़ी आज इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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