बिलासपुर। बिलासपुर DEO कार्यालय में जो ना हो वह कम ही है। अब देखिए ने शिक्षक से खुलेआम मेडिकल बिल पास करने के एवज में 10 फीसदी कमीशन मांगने वाले बाबू को उसी जगह और उसी कुर्सी पर दोबारा बैठा दिया है। रिश्वतखोर बाबू की धमक ऐसी कि डीईओ भी उसकी तरफदारी करते दिख रहे हैं।
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बता दें कि क्लर्क का शिक्षक से बिल पास करने के एवज में 10 फीसदी कमीशन की डिमांड वाला आडियो तब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। वासिरल आडियो के आधार पर डीईओ ने क्लर्क को सस्पेंड कर दिया था। अचरज की बात ये रिश्वतखोर क्लर्क को उसी जगह पर पोस्टिंग दे दी गई ही। मेडिकल बिल के एवज में 10 फीसदी कमीशन मांगने वाला बाबू न सिर्फ बहाल हुआ, बल्कि उसी दफ्तर और कुर्सी पर दोबारा लौट आया है। अचरज की बात ये की दोषसिद्धी के बाद भी डीईओ ने चेतावनी के साथ भाल कर दिया है। इसे लेकर मस्तूरी ब्लाक के शिक्षकों में रोष देखा जा रहा है। किसी दिन यह गुस्सा बड़े पैमाने पर फूट जाए तो अचरज की बात नहीं होनी चाहिए।
क्या है मामला?
शासकीय प्राथमिक शाला खपरी के शिक्षक संतोष कुमार साहू ने मेडिकल बिल भुगतान के लिए बीईओ कार्यालय मस्तूरी में आवेदन दिया था। जांच के बाद 1 लाख 87 हजार 459 रुपए स्वीकृत हुए। बीईओ कार्यालय के सहायक ग्रेड-02 सीएस नौरके ने 9 जुलाई की रात 8.30 बजे शिक्षक को उनके मोबाइल नम्बर पर कॉल कर बिल पास करने के एवज में 10 प्रतिशत कमीशन की डिमांड की। शिक्षक ने जब कमीशन देने से इंकार किया तब घूसखोर बाबू ने भुगतान करने से मना कर दिया।
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शिक्षक ने बातचीत की आडियो रिकार्डिंग के साथ कलेक्टर और डीईओ को लिखित शिकायत दी थी। डीईओ ने क्लर्क नौरके को सस्पेंड किया था। शिकायत सही पाए जाने और दोषसिढी के बाद बी डीईओ ने चेतावनी के साथ दोबारा बहाल कर दिया है। महज 44 दिन के भीतर ही कमीशन की मांग करने वाले क्लर्क की बहाली हो गई है।
डीईओ ने कुछ इस तरह दी सफाई
जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर विजय टांडे का कहना है कि मस्तूरी जाने के लिए कोई तैयार नहीं था। इसलिए भाल करना पड़ा है। दोष सिद्ध हुआ है, इसलिए उसे सजा दी गई है। वेतन वृद्धि रोकी गई है। दोबारा ऐसा करने पर टर्मिनेट करने की चेतावनी दी गई है।








