आईएएस क्रेक करने वाली पूजा खेड़कर को भला कौन नहीं जानता। सलेक्शन से ज्यादा चर्चा उनकी शान-ए-शौकत को लेकर हुई। इसी बीच बड़ा स्कैंडल सामने आ गया। फर्जी सर्टिफिकेट ने करियर ही बर्बाद कर दिया। तब महाराष्ट्र की पूजा खेड़कर की चर्चा भी उसी अंदाज में हुई। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पूजा से भी बढ़कर फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाली एक नहीं तीन-तीन पूजा सामने आ गई है। अब तो इनके चर्चे भी आम होने लगे हैं। मेडिकल की सीट हथियाने गजब का खेल किया। ईडब्ल्यूएस का फर्जी सर्टिफिकेट ही बनवा लिया। सर्टिफिकेट भी ऐसा वैसा नहीं। सीधे हवा-हवाई। बनाने व बनवाने वालों ने सोचा होगा,फर्जीवाड़ा करना ही है तो सबूत क्यों छोड़ा जाए। लिहाजा ना तहसील कार्यालय में सबूत मिले और ना ही किसी और जगह। सील सिक्का गायब किया, या ऐसा भी कह सकते हैं, डुप्लीकेट सील सिक्का बनवाया और ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट ही हासिल कर लिया। डाक्यूमेंट्स की जांच में माजरा सामने आ गया। अब तो तीनों पूजा खेड़कर के नाम सार्वजनिक भी हो गया है। जो नाम पब्लिक डोमेन में है उसमें से एक नाम काफी चौंका रहा है। भाजपा के एक पूर्व मंडल अध्यक्ष की भतीजी। डेयरी से लेकर दवा और बाइक से लेकर ना जाने क्या-क्या धंधों के मालिक हैं। इसके बाद भी जी नहीं भरा तो ईडब्ल्यूएस का फर्जी सर्टिफिकेट भी बनवा लिए।

ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट और व्यवसायी भाजपा नेता
एमबीबीएस की सीट हासिल करने फर्जी ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट हासिल की पुष्टि तो अफसरों ने कर ही दी है। नाम भी सार्वजनिक हो गया है। अब पुलिस प्रशासन की अग्नि परीक्षा का दौर है। यह बात भी अब चर्चा में है,जब फर्जी सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं तो इंक्वायरी को भी अपने तरीके से प्रभावित तो कर ही सकते हैं। वैसे भी जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह सत्ताधारी दल के बेहद प्रभावशाली नेता के करीबी भी हैं। खासमखास भी कह सकते हैं। तभी तो सरकंडा से निकलकर जूनाबिलासपुर में पार्षद की टिकट दिलाने का माद्दा भी रख लिया। बरसों बरस से पार्टी के साथ जुड़े और दरी बिछाने वाले कार्यकर्ता को किनारे कर व्यवासायी की जेब में भाजपा ने टिकट डाल दी थी। इतना बताना ही काफी होगा कि सरकंडा वाले नेताजी की पार्टी में कितना रसूख है। निगम चुनाव में टिकट काटने और मनपंसद को टिकट दिलाने का माद्दा रखने वाले के परिजन पर पुलिस कार्रवाई कर भी पाती है या नहीं। यह वाकई अग्नि परीक्षा का दौर होगा।पुलिस अगर अग्नि परीक्षा में सफल रही तो भाजपा की चमकदार छवि पर बट्टा लगना भी तय है। अभी तो शुरुआती दौर है। पता नहीं पुलिस को कैसे-कैसे पालिटिकल प्रेशर झेलने होंगे।
स्पीकर ने ये क्या कह दिया
आप माने या ना माने, शनिवार का दिन छत्तीसगढ़ भाजपा खासकर दिग्गज विधायकों के लिए बेहद खास रहा। खास इसलिए भी, दिल्ली या फिर छत्तीसगढ़ दिग्गज विधायकों को जो लालीपाप थमा रहे थे, उस पर स्पीकर ने सीधेतौर पर विराम लगा दिया है। अटकलबाजी,संभावनाएं या इसके अलावा जो भी कह सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने चिरपरिचित अंदाज में कह ही दिया, उनके लिए छत्तीसगढ़ भला है। वे कहीं नहीं जा रहे हैं। मंत्रिमंडल गठन के बाद चर्चा पूरे छत्तीसगढ़ में छिड़ी थी, दिल्ली तक सुनाई दी थी। महाराष्ट्र राज्यपाल की कुर्सी खाली है। वेटिंग इन गर्वनर कौन हो सकते हैं। नाम डाक्टर साहब का आ रहा था,ऐसा भी कह सकते हैं, नाम उड़ रहा था। कारण चाहे जो हो। नाराज विधायक को मनाने या फिर गुस्सा फूटने से पहले शांत करने का भाजपा का अपना अंदाज हो, जो भी हो। यह बात तो सामने आई थी कि महाराष्ट्र गवर्नर की खाली कुर्सी पर स्पीकर डा रमन सिंह काबिज हो सकते हैं। शनिवार को बिलासपुर आए और साफ भी कर दिया। उनके लिए छत्तीसगढ़ भला है। भला मतलब अच्छा है। वे कहीं जाने वाले नहीं है। उनकी इस दोटूक ने तो कइयों के दिल पर छुरी चला दी। हसरतों पर आसमानी बिजली गिर गई। बात दोनों तरफ बराबर की हुई। कुछ ऐसे दिखे मारे खुशी के चेहरे की लाली बढ़ गई। भीतर ही भीतर मन नाच उठा। राजनीति में यह सब चलते रहता है। कभी शह तो कभी मात।
डेपुटेशन या जुगाड़, गजब का खेल
उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान बिलासपुर ये हिंदी नाम है, कठिन है। आपको याद भी नहीं होगा कि इस नाम का सरकारी दफ्तर बिलासपुर में है भी नहीं। जी हां है, पीजीबीटी कालेज। अंग्रेजी पढ़ते ही झट आपके आंखों के सामने नक्शा आ गया होगा। यहां डेपुटेशन, अटैचमेंट या जुगाड़ जो भी कह लें। गजब का खेल चल रहा है। जुगाड़ के जरिए एक दो नहीं आधा दर्जन से ज्यादा अंग्रेजी के टीचर यहां जमे हुए हैं। काम दो या तीन का है, बाकी कुर्सी तोड़ रहे हैं या फिर गप्पबाजी के जरिए सैलेरी बना रहे हैं। स्कूलों का हाल तो आपको पता ही होगा। युक्तियुक्तकरण के बाद भी स्कूलों में शिक्षकों का अब भी टोटा है। अंग्रेजी पढ़ाने वालों का तो और भी। हो भी क्यों ना, जुगाड़ से जब सब हो जा रहा है तो फिर स्कूल में जाकर कौन पढ़ाए। पीजीबीटी को ही शिक्षक रोल माडल ना बनाएंगे।
थर्ड अंपायर
0 भावी डिप्टी कलेक्टर,डीएसपी,तहसीलदार और राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों की आंसरशीट इन दिनों लेक्चरर एलबी जांच रहे हैं। सीजीपीएससी जो ना करे कम ही है। सीबीआई एक मामले की जांच कर ही रही है, लगता है, यह भी जल्द सीबीआई को हैंडओवर हो ही जाएगा।
0 विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह की साफगोई से कौन दुखी हुआ और किसे सबसे ज्यादा खुशी मिली। कभी खुशी कभी गम वाले स्टाइल में कौन-कौन नजर आए।