
रायपुर। करोड़ के लिए गिट्टी और लाख के लिए रेती जैसे कोडवर्ड उपयोग घोटालेबाज उपयोग करते थे। EOW द्वारा पेश चार्जशीट में 3 IPS के भी नाम है, जो किंगपिन सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के संपर्क में थे। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला में आर्थिक अपराध शाखा EOW ने आरोपी देवेंद्र डडसेना और नवनीत तिवारी के खिलाफ 1500 पन्नों का स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया। चालान के अनुसार ये दोनों आरोपी कोल लेवी सिंडिकेट के मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी के लिए काम करते थे।
सूर्यकांत तिवारी ने IAS, IPS, माइनिंग अफसरों और नेताओं के साथ मिलकर 570 करोड़ रुपए से ज्यादा की उगाही की। EOW और ED की चार्जशीट में आरोपियों के वॉट्सऐप ग्रुप और उनकी चैटिंग का खुलासा किया है। चैटिंग को बतौर साक्ष्य स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया है।
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घोटाले का हिसाब रखने इन नामों से बनाये वाट्सएप ग्रुप
EOW, ED की चार्जशीट के अनुसार आरोपियों ने घोटाले का हिसाब-किताब रखने के लिए पाल ग्रुप, दुर्ग ग्रुप, वीकली ग्रुप, टावर ग्रुप और जुगनू ग्रुप बनाए थे। इस ग्रुप में सूर्यकांत तिवारी के कर्मचारियों के अलावा उसके करीबी शामिल थे। ग्रुप में कर्मचारी हिसाब-किताब भेजते थे। इसी ग्रुप में सूर्यकांत IAS-IPS को पैसा पहुंचाने का निर्देश भी जारी करता था।
पूरी डील कोड वर्ड में, करोड़ के लिए गिट्टी कोड का इस्तेमाल
चार्जशीट के अनुसार कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के लिए D, रानू साहू के लिए RS कोडवर्ड था। वाट्सएप ग्रुप में अगर किसी ने गिरा लिखा मतलब ये कि वसूली का पैसा आ गया है। करोड़ के लिए गिट्टी और लाख के लिए रेती कोडवर्ड उपयोग होता था। नवनीत तिवारी रायगढ़ का काम देखता था। चार्जशीट में 3 IPS के भी नाम है, जो सूर्यकांत और सौम्या के संपर्क में थे।
घोटाले से किसको कितना पैसा मिला
देवेंद्र यादव 3 करोड़ चंद्रदेव प्रसाद राय 46 लाख, विनोद तिवारी 1 करोड़ 87 लाख 11 हजार, आरपी सिंह 2 करोड़ 1 लाख 40 हजार, नारायण साहू 13 करोड़
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कोडवर्ड के जरिये पेमेंट और हिसाब
D/नवाज/खैरागढ़ देवेंद्र यादव, Sameer TSG समीर विश्नोई, Jai सहायक सौम्या चौरसिया का निज, MU मनीष उपाध्याय, Ami अमित चौरसिया, Abhi Ji अभिषेक चौबे, Vrishaspati वृहस्पति सिंह, रानू साहू आरएस, चंद्रा चंद्र देव राय।
कोल वाशरी से 100 और ट्रांसपोर्टर से 25 रुपए प्रति टन कमीशन
स्पेशल कोर्ट में जांच एजेंसी द्वारा पेश चार्जशीट के अनुसार कोल ट्रांसपोर्टिंग करने वालों के अलावा कोल वाशरी संचालकों से भी अलग से कमीशन वसूला गया। कोल वाशरी संचालकों से 100 रुपए प्रति टन और वाशरी से कोयला निकलने पर 25 रुपए प्रति टन अतिरिक्त ट्रांसपोर्टिंग शुल्क वसूला जाता था। कोल कारोबारियों को दो बार कमीशन देना पड़ता था।
रायगढ़ में वसूली का काम नवनीत और कोरबा मोइनुद्दीन के हवाले
रायगढ़ का पूरा काम नवनीत तिवारी और कोरबा का काम मोइनुद्दीन देखता था। दोनों हर महीने वसूली की रकम अनुपम नगर स्थित सूर्यकांत तिवारी के घर पर जमा करते थे। सूर्यकांत के घर से मिली डायरी में नवनीत (नीतू) के नाम के आगे 17.73 करोड़ रुपए दर्ज है। अलग-अलग गवाहों के बयान में भी इसकी पुष्टि हुई है कि नवनीत ने लंबे समय तक वसूली की।
ED की चार्जशीट में यह सब
रोशन सिंह के अतिरिक्त मोईन खान, नवनीत तिवारी एवं मंटू जयसवाल कोयले के डिलीवरी ऑर्डर्स को क्लियर करवाते थे। जिसमें मोईन खान कोरबा का, नवनीत तिवारी रायगढ़ का, मंटू जयसवाल सूरजपुर और अंबिकापुर का, तथा रोशन सिंह छत्तीसगढ़ के सभी जिलो के कोयले के डिलीवरी ऑर्डर्स को क्लियर करवाता था। वह सभी कोयला व्यापारियों से सम्बंधित पैसे की वसूली का डाटा बनात्ता था और जिस जिले के कोषता व्यापारी से कोयता वसूली का पैसा नहीं आता था तब वह सम्बंधित कर्मचारी जैसे मोईन खान, नवनीत तिवारी, मंटू जयसवाल आदि को जल्दी पैसा एकत्र करने के लिए निर्देशित करता था। वह किसी भी जिले का कोयले का DO क्लियर करवा देता था । कोयले वसूली से सम्बंधित किसी भी DO को क्लियर करवाने के लिए सम्बंधित कर्मचारी रोशन सिंह से संपर्क करते थे।
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कोयला व्यापारियों के साथ जुलाई 2020 में हेमंत जायसवाल के द्वारा एक मीटिम जिंदल गेस्ट हाउस, रायगढ़ में बुलाई गई जिसमे सूर्यकांत तिवारी, रोमान सिंह, नवनीत तिवारी, मोईनुद्दीन कुरेशी, जोगेंदर सिंह एवं में भी उपस्थित था। उस मीटिंग में हेमंत जयसवाल ने सभी व्यापारियों को निर्देश दिया कि अब से सभी व्यापारियों को कोपले के परिवहन के लिए DO के हिसाब से प्रति टन 25 रुपया देना पड़ेगा, जो व्यापारी पैसे नहीं देगा उसकी गाड़िया रोक दी जाएगी। उसके बाद में सभी व्यापारियों ने आपसी सहमति के साथ कोपले के परिवहन के लिए DO के हिसाब से प्रति टन 25 रुपया देना स्वीकार कर लिया और कोयले की वसूली का रुपया देना शुरू कर दिया। एक व्यापारी जिसका नाम अभी मुझे याद नहीं है, उसने DO के हिसाब से प्रति टन 25 रुपया देना स्वीकार नहीं किया था तब उसकी कोयले की गाड़ियों को रोक दिया गया था, अंत में वह भी कोयले के परिवहन के लिए पैसे का वसूली देना स्वीकार कर लिया था।
रोशन सिंह के द्वारा कोयता व्यापारियों से DO की जानकारी लेकर DO में लिक्षित कोयले की मात्रा के हिसाब से कोपला व्यापारियों को पैसा देने के लिए निर्देशित किया जाता था। इसके बाद मुझे रोशन सिंह के द्वारा सम्बंधित कोयला व्यापारी का मोबाइल नंबर दिया जाता था और रोशन सिंह मुझे DO में लिखी कोयले की मात्रा के हिसाब से बताता था कि कितने रूपये किस कोयला व्यापारी से लेने है। कोयला व्यापारी से सम्बंधित मोबाइल नंबर पर में अपने फोन से Whatsapp कॉल करता था और मिलने की जगह निर्धारित करके रूपये एकत्र करने के लिए पहुंच जाता था। जब रूपये लेकर में वापस आता था तो था तो रूपये महाराजा अपार्टमेंट में स्थित सूर्यकांत तिवारी के ऑफिस या सूर्यकांत तिवारी के अनुपम नगर स्थित ऑफिस में रजनीकांत तिवारी/रोशन सिंह को दे देता था। जब सम्बंधित कोयता व्यापारी से 25 रूपये प्रति टन के हिसाब से पेसे एकत्र कर लिए जाते थे तब उस DO के बारे में रोशन सिंह आगे माइनिंग ऑफिसर से बात करके DO क्लियर करने के लिए बोल देता था। जब तक सम्बंधित कोपला व्यापारी से 25 रुपया प्रति टन के हिसाब से वसूली नहीं हो जाती भी तब तक कोयले का DO क्लियर नहीं किया जाता था।
कोल स्कैम में इन आरोपियों पर FIR
कवासी लखमा, पूर्व मंत्री, देवेंद्र यादव, विधायक, अमरजीत भगत, पूर्व खाद्य मंत्री, बृहस्पत सिंह, पूर्व विधायक, गुलाब कमरो, पूर्व विधायक, शिशुपाल सोरी पूर्व विधायक, चंद्रदेव प्रसाद राय पूर्व विधायक , यूडी मिंज, पूर्व विधायक, समीर विश्नोई, निलंबित IAS, रानू साहू, निलंबित IAS, सौम्या चौरसिया, पूर्व उप सचिव, सीएम कार्यालय, संदीप कुमार नायक, सहायक खनिज अधिकारी, शिवशंकर नाग, खनिज अधिकारी, सूर्यकांत तिवारी, कोल कारोबारी, मनीष उपाध्याय, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, रौशन कुमार सिंह, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, निखिल चंद्राकर, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, राहुल सिंह, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, पारिख कुर्रे, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, मोइनुद्दीन कुरैशी, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, वीरेंद्र जायसवाल, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, रजनीकांत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, हेमंत जायसवाल, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, जोगिंदर सिंह, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, नवनीत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, दीपेश टांक, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी देवेंद्र डडसेना, राहुल मिश्रा, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, रामगोपाल अग्रवाल, तत्कालीन कोषाध्यक्ष, कांग्रेस, राम प्रताप सिंह, तत्कालीन प्रवक्ता कांग्रेस, विनोद तिवारी, पीईपी, इदरीश गांधी, पीईपी, सुनील कुमार अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, जय, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, चंद्रप्रकाश जायसवाल, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी के अधीनस्थ कर्मचारी।
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कहां कितना पैसा भेजा गया
- सौम्या चौरसिया 36 करोड़
- नेताओं को 52 करोड़
- छत्तीसगढ़ के विधायकों को 10 करोड़
- झारखंड 5 करोड़
- बैंगलोर 4 करोड़
- बेनामी संपत्ति (आरोपियों से मिली) 170 करोड़
- कुल 277 करोड़








